पटना:केंद्र सरकार के आने वाले आम बजट पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं. बिहार के विशेषज्ञों की भी केंद्रीय बजट (Union Budget 2022-2023 regarding Bihar) पर नजर बनी हुई है. नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार के कई क्षेत्रों के विकास को फिसड्डी बताया गया है. ऐसे में एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास (Professor Vidyarthi Vikas On Union Budget 2022 ) का कहना है कि, नीति आयोग ने बिहार की बड़ी आबादी को गरीबी रेखा से नीचे बताया है और जरूरी है कि, गरीबी से बिहार को निकालने के लिए विशेष मदद केंद्रीय बजट में मिले. साथ ही डबल इंजन की सरकार का भी फायदा बिहार को मिले. केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में भी केंद्र सरकार की तरफ से पर्याप्त राशि नहीं मिल रही है तो, उस पर भी केंद्र का ध्यान होना चाहिए.
एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है कि, हाल में बिहार जैसे राज्यों में भी गरीबी और बदहाली बढ़ी है. नीति आयोग की रिपोर्ट में भी 6:50 करोड़ लोग बिहार में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं. ऐसे में बिहार को विशेष मदद तो मिलना ही चाहिए. साथ ही बिहार में सिंचाई के क्षेत्र में अधिक धनराशि खर्च करने की जरूरत है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने की जरूरत है. समग्र शिक्षा अभियान को लेकर केंद्र सरकार से अधिक धनराशि बिहार को मिलनी चाहिए. बिहार सरकार की तरफ से भी यह बार-बार कहा जाता रहा है कि, इसमें केंद्र सरकार ने राशि घटा दी है.
प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का यह भी कहना है कि, केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में हाल के वर्षों में केंद्र की ओर से पर्याप्त राशि नहीं दी जा रही है. कई योजना है जिसमें केंद्र की राशि बढ़ाने की जरूरत है. समग्र शिक्षा अभियान के साथ पूरक पोषाहार योजना, इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना साथ ही एससी-एसटी जैसी योजनाओं में राशि बढ़ाने की जरूरत है. इसके अलावा प्रधानमंत्री सड़क योजना में भी पर्याप्त राशि बिहार को मिलनी चाहिए.