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Published : Feb 2, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 4:03 PM IST

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करोड़ों खर्च, फिर भी नहीं दिखती हरियाली, मात्र 4 फीसदी ही बढ़ा ग्रीन कवर

पिछले साल करीब चार करोड़ पौधे लगाकर रिकॉर्ड बनाने वाला बिहार इस बार 5 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाने की तैयारी कर रहा है. जल जीवन हरियाली योजना के तहत बिहार के कई विभाग इसके तहत काम कर रहे हैं.वन विभाग के अधिकारी पौधों को बचाने की कैसे तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि बिहार में ग्रीन कवर बढ़ाना लक्ष्य है. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना

पटना:बिहार में बाढ़ और सुखाड़ तो आम बात है. झारखंड से अलग होने के बाद बिहार में ग्रीन कवर महज 11 फीसदी रह गया था. पिछले कुछ सालों में प्रकृति ने बिहार से ऐसा मुंह मोड़ा कि दरभंगा और मधुबनी जैसे जिलों में भी पीने का पानी का संकट होने लगा है. बिहार में पिछले कुछ सालों से लगातार बारिश की अनिश्चितता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. इसे देखते हुए कुछ साल पहले बिहार सरकार ने राज्य के ग्रीन कवर को बढ़ाने की कोशिश के तहत जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की.

रोहतास का जंगल.

जल जीवन हरियाली योजना
जल जीवन हरियाली योजना के तहत 3 साल में 24 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं. जिसके तहत ना सिर्फ पौधारोपण बल्कि वेटलैंड और प्राकृतिक आहार आदि को पुनर्जीवित करना और कुआं तालाब पोखर का जीर्णोद्धार करना भी शामिल है. इसके अलावा पूरे बिहार में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी जोर शोर से चल रहा है. इसके तहत सभी सरकारी बिल्डिंग में वर्षा जल संचयन की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है. ताकि बारिश का पानी बर्बाद ना हो.

पौधारोपण करते अधिकारी.

2020 में लगाए 3.91 करोड़ पौधे
बिहार में वर्ष 2020 में विशेष कार्यक्रम के तहत 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया और लॉकडाउन के बावजूद वन पर्यावरण विभाग ने कई अन्य सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों की मदद से करीब 3 करोड़ 91 लाख पौधे लगा दिए. वन पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष हम पांच करोड़ पौधे लगाने जा रहे हैं और इतने पौधे हमारे पौधशाला और नर्सरी में उपलब्ध भी हैं.

5 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाने की तैयारी

''अगस्त महीने तक इतने पौधे पूरे बिहार में लगाए जाएंगे ताकि बिहार का ग्रीन कवर बढ़ सके. ये 15 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और इसे आने वाले समय में 17 फीसदी तक पहुंचाना है. ताकि बिहार की जलवायु बेहतर हो सके''- दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव, वन पर्यावरण विभाग

बिहार में बढ़ेगा ग्रीन कवर

कैसे बचेंगे लगाए गए पौधे

सरकार की तरफ से करोड़ों पौधे लगाने का दावा तो किया जाता है लेकिन असल में कितने पौधे लग रहे हैं और इनमें से कितने पौधे जीवित बच रहे हैं. ये भी बड़ा सवाल है. हालांकि पौधों को बचाने के प्रयास भी वन पर्यावरण विभाग की तरफ से हो रहा है. ईटीवी की टीम ने पिछले वर्ष अगस्त में लगाए गए पौधों का हाल जानने की कोशिश की. पटना के आर ब्लॉक दीघा पथ में बड़ी संख्या में वन विभाग की तरफ से कर्मचारी लगाए गए हैं जो हर दिन पौधों को सिंचते हैं और उन्हें जिंदा रखने में मदद कर रहे हैं.

कैमूर के जंगल.

15 फीसदी हो चुका ग्रीन कवर
वन विभाग के प्रधान सचिव ने दावा किया कि जितने पौधे हमने लगाए हैं. उन सब को बचाने के प्रयास भी लगातार हो रहे हैं, हालांकि कुछ प्राकृतिक और कुछ मानव निर्मित परेशानियों के कारण कुल लगाए गए पौधों में से 60 से 70 फीसदी पौधे ही जीवित रह पाते हैं. दीपक कुमार सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 में हुए सर्वे के मुताबिक बिहार का ग्रीन कवर 15 फ़ीसदी तक हो चुका है और हम इसे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.

ग्रीन कवर बढ़ाने की कवायद

''इसे एक जन आंदोलन बनाना जरूरी है. ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी इस बात को समझ सके कि पौधारोपण प्रकृति के लिए कितना जरूरी है''- तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद

बिहार के वन विभाग के पास बोधगया, कैमूर, रोहतास और जमुई समेत कई जगहों पर बड़ी पौधशालाएं हैं. जहां बड़ी संख्या में पौधे उपलब्ध हैं. विभाग का मानना है कि इस वर्ष होने वाले पौधारोपण के लिए 5 करोड़ के लगभग पौधे हमारे पास उपलब्ध हैं. इसलिए पौधों की कोई कमी नहीं होगी. लेकिन लगाए गए पौधों को बचाने का प्रयास कितना रंग लाता है. ये तो सर्वे के आंकड़े से ही पता चल पाएगा.

Last Updated : Feb 3, 2021, 4:03 PM IST

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