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'गंगा की अविरलता की बात करने वाले देश के पहले CM थे नीतीश, 3 साल से भूल गए सबकुछ'

राजेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अविरलता शब्द का प्रयोग किया था. उन्होंने गंगा की अविरलता की बात कही थी. लेकिन बीते तीन साल से सीएम नीतीश कुमार सबकुछ भूल गए हैं.

राजेंद्र सिंह, जल पुरुष

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Published : Nov 14, 2019, 7:01 AM IST

पटना: पूरा देश पर्यावरण संकट से जूझ रहा है. खासकर बिहार बाढ़ और सूखे की समस्या से जूझ रहा है. राज्य के आधे जिले जहां बाढ़ से प्रभावित रहते हैं. वहीं, आधे जिलों में सूखे का प्रभाव रहता है. ऐसे में जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने सरकार को नहरों की व्यवस्था दुरुस्त करने की नसीहत दी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए जल पुरुष ने बताया कि कम पानी, जहां लोगों के लिए समस्या है. वहीं, पानी की अधिकता भी लोगों के लिए बड़ी समस्या है.

जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के सामने बड़ी चुनौती है.उन्होंने कहा कि आने वाला विश्व युद्ध पानी के लिए होने वाला है. पानी के लिए भाई-भाई की लड़ाई होगी. ऐसे में अगर हम पर्यावरण को संजोकर नहीं रखेंगे, तो जल के लिए लड़ाई लड़नी होगी.

जल पुरुष से खास बातचीत

'सीएम नीतीश भूल गए गंगा की अविरलता'
राजेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अविरलता शब्द का प्रयोग किया था. उन्होंने गंगा की अविरलता की बात कही थी. लेकिन बीते तीन साल से सीएम नीतीश कुमार सबकुछ भूल गए हैं. उन्होंने बाढ़ की समस्या पर कहा कि नदियों को जोड़ने से समस्या का समाधान नहीं होगा. न ही नदियों को रोकने की जरूरत है. नदियों को अपने प्रवाह में बहते देना चाहिए और कैनाल सिस्टम को दुरुस्त करने से समस्या का समाधान हो सकता है.

राजेंद्र सिंह, जल पुरुष

गंगा को राजगीर ले जाने पर जताई हैरानी

गंगा नदी के पानी को लिफ्ट कर राजगीर, नवादा और गया ले जाने के फैसले पर जल पुरुष ने हैरानी जताते हुए कहा कि ऐसी योजना से बड़ी-बड़ी कंपनियों और ठेकेदारों को फायदा होने वाला है. आम जनों को कुछ हासिल नहीं होने वाला है. सरकार को ऐसे कदम से बचना चाहिए. राजेंद्र सिंह ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली जैसी योजना पर अधिक से अधिक खर्च किया जाए. ताकि पर्यावरण संतुलन कायम रहे. उन्होंने कहा कि राजधानी पटना में जो जलजमाव हुआ था. उसके लिए प्रकृति जिम्मेदार नहीं है. समस्या मानव जनित थी. सरकार को आगे से सचेत रहने की जरूरत है.

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