पटना:एनसीआरबी के जारी किए गए ताजा आंकड़ो के मुताबिक बिहार में आपराधिक मामलों में बढ़तोरी आई है. बिहार में साल 2019 में हुई अपराध की घटनाओं का पूर लेखा-जोखा राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो एनसीआरबी की तर्ज पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो एससीआरबी द्वारा तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 की तुलना में 2019 में दंगों के मामलों की गिनती छोड़कर अन्य आपराधिक मामलों में वृद्धि हुई है.
प्रदेश के पटना समेत 15 जिलों सबसे अधिक हत्यओं के मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं हत्या की सबसे ज्यादा घटनाएं बिहार के सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, भोजपुर, पटना, जहानाबाद, गया, शेखपूरा, नालंदा, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा और पूर्णिया में घटित हुई हैं.
अपराध | 2018 | 2019 |
हत्या | 2934 | 3138 |
अपहरण | 9935 | 10707 |
दुष्कर्म | 651 | 730 |
दंगा | 10276 | 7262 |
चोरी | 30916 | 34971 |
लूट | 1731 | 2398 |
डैकती | 280 | 391 |
दहेज हत्या | 1107 | 1120 |
एनसीआरबी रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, बीजेपी प्रवक्ता ने कहा लालू राज भूली नहीं है जनता
एनसीआरबी के जारी किए गए रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. नीतीश कुमार ने सुशासन की झूठी छवि बनायी है. उनके सुशासन के नारे को एनसीआरबी के रिपोर्ट ने बेनकाब कर दिया है.
विपक्ष ने कहा कि नीतीश के राज में 57 से ज्यादा घोटाले हुए हैं. लूट, हत्या, रंगदारी, किडनैपिंग की घटनाओं में वृद्धि हुई है. वहीं, विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप पर बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि विपक्ष के तमाम आरोप बेबुनियाद है. लालू राज में जिस तरफ से अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था क्या राजद के लोग वह भूल गए हैं. लालू यादव के शासन काल में पूरे सूबे में जंगलराज कायम था. जनता नहीं भूली है.