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एनसीआरबी के रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बढ़ी आपराधिक वारदातें, विपक्ष का तंज 'सुशासन का नारा फेल'

एनसीआरबी के जारी किए गए ताजा आंकड़ो के मुताबिक बिहार में आपराधिक मामलों में बढ़तोरी आई है. बिहार में साल 2019 में हुई अपराध की घटनाओं का पूर लेखा-जोखा राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो एनसीआरबी की तर्ज पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो एससीआरबी द्वारा तैयार किया गया है. रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा सुशासन का नारा फेल

पटना
प्रदेश में बढ़ी आपराधिक वारदातें

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Published : Dec 4, 2020, 6:08 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:41 PM IST

पटना:एनसीआरबी के जारी किए गए ताजा आंकड़ो के मुताबिक बिहार में आपराधिक मामलों में बढ़तोरी आई है. बिहार में साल 2019 में हुई अपराध की घटनाओं का पूर लेखा-जोखा राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो एनसीआरबी की तर्ज पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो एससीआरबी द्वारा तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 की तुलना में 2019 में दंगों के मामलों की गिनती छोड़कर अन्य आपराधिक मामलों में वृद्धि हुई है.

प्रदेश के पटना समेत 15 जिलों सबसे अधिक हत्यओं के मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं हत्या की सबसे ज्यादा घटनाएं बिहार के सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, भोजपुर, पटना, जहानाबाद, गया, शेखपूरा, नालंदा, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा और पूर्णिया में घटित हुई हैं.

अपराध 2018 2019
हत्या 2934 3138
अपहरण 9935 10707
दुष्कर्म 651 730
दंगा 10276 7262
चोरी 30916 34971
लूट 1731 2398
डैकती 280 391
दहेज हत्या 1107 1120

एनसीआरबी रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, बीजेपी प्रवक्ता ने कहा लालू राज भूली नहीं है जनता
एनसीआरबी के जारी किए गए रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. नीतीश कुमार ने सुशासन की झूठी छवि बनायी है. उनके सुशासन के नारे को एनसीआरबी के रिपोर्ट ने बेनकाब कर दिया है.

विपक्ष ने कहा कि नीतीश के राज में 57 से ज्यादा घोटाले हुए हैं. लूट, हत्या, रंगदारी, किडनैपिंग की घटनाओं में वृद्धि हुई है. वहीं, विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप पर बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि विपक्ष के तमाम आरोप बेबुनियाद है. लालू राज में जिस तरफ से अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था क्या राजद के लोग वह भूल गए हैं. लालू यादव के शासन काल में पूरे सूबे में जंगलराज कायम था. जनता नहीं भूली है.

एनसीआरबी के रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बढ़ी आपराधिक वारदातें

हत्या दर 2.9 प्रति लाख आबादी पहुंची
बता दें कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति लाख की आबादी पर 2. 9 हत्या का वारदात वर्ष 2019 का रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक हत्या, अपहरण, दुष्कर्म, चोरी, लूट, डकैती, दहेज, इन सभी मामलों में 2018 की तुलना में 2019 में काफी बढ़ोतरी हुई है.

दहेज के लिए हत्या मामले में बिहार के पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण और पटना समेत कुल 17 जिले हैं. जहां वर्ष 2019 में दहेज मांग के लिए हत्या के मामले सबसे ज्यादा घटित हुए हैं. वहीं, प्रदेश में वर्ष 2018 की तुलना में 2019 से में दुष्कर्म की घटना में काफी वृद्धि हुई है. 2018 में जहां दुष्कर्म की घटना 651 दर्ज की गई थी वहीं 2019 में 730 से दुष्कर्म की घटना घटित हुई है. बिहार के दरभंगा सुपौल अररिया, किशनगंज, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, शेखपुरा, नवादा, गया, अरवल, जहानाबाद, और पटना में दुष्कर्म की घटनाएं घटित हुई हैं.

दंगों के मामले घटे
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में दंगा 10276 हुआ था 2018 की तुलना में 19 में दंगा के मामले घटकर 7262 की गिरावट दर्ज की गई है.वहीं, बिहार में चोरी और लूट की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. बिहार में 2018 में सबसे ज्यादा दंगा सीवान, सारण, बक्सर, कैमूर, रोहतास, जहानाबाद, गया, पटना, नालंदा, नवादा, शेखपुरा सहित कुल 18 जिलों में सामने आए हैं.

अपराध को लगाम लगाने के लिए पुलिस मुस्तैद
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो अपराध पर लगाम लगाने को लेकर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिले के एसपी के द्वारा सभी थाने में पैदल और वाहन पेट्रोलिंग गस्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही अपराधी तत्व के लोगों पर खास नजर रखने का हिदायत दी गई है.

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:41 PM IST

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