बिहार

bihar

ETV Bharat / state

मैट्रिक परीक्षा के अंतिम दिन कैसे करें तैयारी, प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन दे रहे हैं ये खास TIPS - बिहार में मैट्रिक की परीक्षा

प्रोफेसर ने कहा कि सामने से तो ऐसा लगता है कि परीक्षा की सुबह तक शायद उनकी अच्छी तैयारी नहीं है, लेकिन जब वह बच्चे परीक्षा हॉल में जाते हैं और प्रश्न देखते हैं तुरंत उसका उत्तर बच्चों के दिमाग में आ जाता है. उन्होंने कहा कि छात्र उत्तर का जैसे ही एक शब्द लिखते हैं तो अनायास उनकी कलम चलती चली जाती है और सही प्रश्न के उत्तर आराम से लिख देते हैं.

professor Iftikhar Hussain
professor Iftikhar Hussain

By

Published : Feb 15, 2020, 5:09 PM IST

Updated : Feb 15, 2020, 5:40 PM IST

पटना: मैट्रिक परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राएं काफी तनाव में रहते हैं. यह उनके जीवन का पहली बोर्ड परीक्षा होती है, जिसको लेकर उन्हें बेचैनी होती है. अंतिम समय तक परीक्षा हॉल में जाने से पहले तक किताब लेकर छात्र छात्राएं अध्ययन करते नजर आते हैं.

छात्र-छात्राओं के मन में यह रहता है कि आखिरी समय में वह जितनी ज्यादा से ज्यादा किताबें देख लेंगे उतना ही फायदेमंद होगा. मैट्रिक परीक्षा के दौरान आखिरी समय में किस प्रकार तैयारी करें इसके बारे में बता रहे हैं मनोविज्ञान के प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन.

तैयारी के लिए नहीं चुने परीक्षा का आखिरी समय
पटना विश्वविद्यालय के साइकोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन ने बताया कि बच्चों की यह बहुत बड़ी गलती होती है कि वह तैयारी के लिए परीक्षा का आखिरी समय चुनते हैं. समय का अभाव तनाव का मुख्य कारण बन जाता है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं क्रमिक रूप से शुरू से तैयारी करें और परीक्षा के आखिरी समय 10 दिन पहले से मात्र रिवीजन करें. इसके बाद कोई भी नई चीज सीखने की कोशिश न करें. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं अगर आखिरी समय में नई चीजों को सीखते हैं तो परीक्षा हॉल के अंदर विस्मरण होगा और उन्हें प्रश्न का उत्तर आते हुए भी वह भूल जाएंगे.

टिप्स देते प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन

क्या कहता है मनोविज्ञान
प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन ने कहा कि मैट्रिक परीक्षार्थियों का अबोध मन होता है और उनमें विश्वास की काफी कमी होती है. उन्होंने कहा कि इसीलिए आखिरी समय तक किताब लेकर अध्ययन करते हुए छात्र नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ छात्र यह सोचते हैं कि आखिरी समय में अगर जो हम देखेंगे वह ज्यादा फायदेमंद होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान यह बताता है कि बच्चे अगर क्रमिक तैयारी करते हैं तो उनकी दीर्घ स्मृति में जो बातें चली जाती हैं, वह हमेशा याद रहती हैं.

आत्मविश्वास के साथ करें पढ़ाई
प्रोफेसर ने कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि परीक्षा की सुबह तक शायद बच्चों की अच्छी तैयारी नहीं है, लेकिन जब वह बच्चे परीक्षा हॉल में जाते हैं और प्रश्न देखते हैं तो तुरंत उसका उत्तर बच्चों के दिमाग में आ जाता है. उन्होंने कहा कि छात्र उत्तर का जैसे ही एक शब्द लिखते हैं तो अनायास उनकी कलम चलने लगती है, और सही प्रश्न के उत्तर आराम से लिख देते हैं.

परीक्षा से पहले खुद को करें आश्वस्त
प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन ने कहा कि परीक्षा हॉल में जाने से पहले परीक्षार्थी अपने आप को आश्वस्त कर लें और जितनी पढ़ाई हुई है उससे खुद को संतुष्ट कर लें. अगर जरूरत समझे तो सुबह में एक सरसरी नजर से किताब को देख लें और अगर नहीं भी देखते हैं और तैयारी अच्छी है तो परीक्षा अच्छी जाएगी.

Last Updated : Feb 15, 2020, 5:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details