पटना: तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने राजधानी के लोगों को बेहाल कर दिया है. पटना बुरी तरह से डूब चुका है. लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं. तेज बारिश के कारण सड़कें झील में तब्दील हो गई हैं. आलम यह है कि जिन सड़कों पर वाहन चलने चाहिए वहां लोग नाव की सवारी करने को विवश हैं.
बाढ़ जैसे हालात
वहीं, इंद्र भगवान के इस प्रकोप ने सरकार और पटना नगर निगम के वादों की पोल खोल कर रख दी है. शहर के नाले अब सड़कों पर बह रहे हैं. चाहे वह बोरिंग रोड हो, राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, अशोक नगर, सभी इलाकों में स्थिति भयावह बनी हुई है.
पटना से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट NMCH झील में तब्दील
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल एनएमसीएच झील में तब्दील हो गया है. मेडिसिन विभाग, इमरजेंसी, गायनी और शिशु रोग विभाग में पानी भरा है. इस वजह से ना सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीज बल्कि उनके परिजनों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
सबसे ऊंची सड़क भी डूबी
लोगों का कहना है कि सरकार का दावा था कि सम्प हॉउस चलाकर पानी निकाला जाएगा. लेकिन सरकार के ये दावे अब गायब होते दिख रहा है. जहां बेली रोड और अशोक राजपथ में जलजमाव होना मुश्किल था. अब वहां भी सड़कों पर पानी भरने लगा है. वहीं बिगड़ते हालात को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार अब आपाकालीन बैठक कर रहे हैं.
परिवहन व्यवस्था ठप
पटना में हो रही भारी बारिश ने परिवहन व्यवस्था को ठप कर दिया है. सरकार हालात पर पैनी नजर रखे हुए है. सीएम नीतीश खुद ही मॉनिटरिंग में लगे हैं. लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. मौसम विभाग ने रविवार तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है.