पटना: 4 जनवरी से बिहार के शिक्षण संस्थाएं खोल दिये जाएंगे लेकिन अभी सिर्फ आठवीं क्लास से ऊपर के कक्षा चलेंगे. सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है. हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि ये फैसला देर से लिया गया है. सरकार को पहले ही शिक्षण संस्थाओं को खोल देना चाहिए था.
शिक्षण संस्थाओं को खोलने के फैसले का स्वागत
पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज के अंडर ग्रेजुएट कोर्स के सेकंड ईयर के छात्र धनंजय कुमार ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं. मगर यह फैसला सरकार को और पहले ले लेना चाहिए था.
शिक्षण संस्थाओं को खोलने के फैसले पर लोगों की राय 'सरकार का स्कूल कोचिंग खोलने का फैसला स्वागत योग्य है. और यह निर्णय थोड़ा पहले ले लेना चाहिए था. यह सोचना गलत होगा कि अचानक कोरोना गायब हो जाएगा. हमें इसे अब आदत में डाल लेना चाहिए.' -डॉ कुंदन लाल, अभिभावक
शिक्षण संस्थाओं को खोलने के फैसले का स्वागत 'सरकार ने सिलसिलेवार ढंग से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है और कॉलेज और कोचिंग संस्थान 4 जनवरी से खुल रहे हैं. इस फैसले का स्वागत करते है. आठवीं कक्षा के ऊपर के छात्रों के लिए स्कूल खुल रहे हैं और यह अच्छी बात है, क्योंकि ऑनलाइन माध्यम से सभी बातें छात्र अच्छी तरह से नहीं समझ पा रहे थे'-पुतुल प्रकाश, अभिभावक
शिक्षण संस्थाओं को खोलने के फैसले का स्वागत 'सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. स्कूल कॉलेजों और कोचिंग संस्थान के बंद होने की वजह से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. क्लासरूम में स्टडी का अपना महत्व है.' - कोचिंग संचालक अभिषेक झा
अब बच्चे जा सकेंगे स्कूल
एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार के जनरल सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा कि इस फैसले के लिए वह बिहार के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को विशेष धन्यवाद देना चाहेंगे. क्योंकि अभी निजी विद्यालय संकट के दौर से गुजर रहे हैं. यह फैसला उन्हें उबारने का काम करेगा. बच्चे अब स्कूल जा सकेंगे. सभी कोरोना गाइडलाइन फॉलो करते हुए स्कूलों का संचालन किया जाएगा.