पटनाः वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूचना और जनसम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि 7 दिनों के अंदर बिहार के बाहर फंसे लोगों को वापस लाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. कोरोना टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाई जाए और स्किल सर्वे के साथ स्किल मैपिंग भी कराई जाए. अनुपम कुमार ने कहा बिहार के अंदर कैमूर से दानापुर बरौनी होते हुए कटिहार तक ट्रेन चलाने का भी फैसला हुआ है. इसके साथ बाहर से ट्रेन के साथ बस से भी लोगों को लाने का फैसला हुआ है.
10 हजार टेस्ट क्षमता बढ़ाने पर काम शुरू
सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर संबंधित विभाग काम कर रहा है. लोगों को बाहर से बिहार लाने के लिए आपदा प्रबंध विभाग ने काम करना शुरु कर दिया है. ट्रेनों के साथ-साथ बसों से भी लोगों को वापस लाया जाएगा. नजदीक के राज्यों से बसों से लोगों को वापस लाया जाएगा. जो बिहार में फंसे हैं, उनको भी भेजा जाना है. इसको लेकर एसओपी निर्गत किया जा रहा है. विज्ञापन के जरिए भी इसकी जानकारी दी जाएगी.
लोगों के आवाजाही के लिए ट्रेन सेवा शुरु
अनुपम कुमार ने कहा कि बिहार के अंदर लोगों के आवाजाही के लिए ट्रेन सेवा शुरु कर दी गई है. इसकी शुरुआत कैमूर से हुई. रोजाना कैमूर से दानापुर होते हुए ट्रेन कटिहार तक जाएगी. इसके लिए कैमूर के डीएम को अधिकृत किया गया है. इसके अलावा आने वाले दिनों में और ट्रेन चलाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच की क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है. अभी 1900 से 2000 प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता है, जिसे 10 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है.
सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव ने कहा कि आज दूसरे प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य को लेकर 21 ट्रेनें बिहार आ रही हैं, जिनमें 26 हजार 970 लोग आ रहे हैं. बुधवार को 24 ट्रेनों के आने की सूचना है. जिनमें 30 हजार 348 लोगों के आने की सूचना है.
172 आपदा राहत केन्द्र चलाए जा रहे
अनुपम कुमार ने कहा कि बिहार में ब्लाक स्तर पर 3850 क्वॉरेंटाइन सेंटर में 1 लाख 54 हजार 2 सौ 9 आवासित हैं. ब्लाक स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर में की गई व्यवस्था की दूसरे जगह खुब प्रशंसा हो रही है. बिहार में हाल के दिनों बड़ी संख्या में लोग वापस आ रहे हैं. ऐसे में सरकार की तरफ से ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं. जिससे किसी को कोई परेशानी ना हो. जिलाधिकारी खुद इसकी मानिटरिंग करते हैं. ब्लाक क्वॉरेंटाइन सेंटर के साथ पंचायत क्वॉरेंटाइन सेंटर भी अपग्रेड किए जाए. इसके साथ-साथ हेल्थ क्वॉरेंटाइन सेंटर में बेड की संख्या बढ़ाई जाए. बिहार में 172 आपदा राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं, जिसका लाभ तकरीबन 70 हजार लोग उठा रहे हैं.