पटनाः माउंटेन मैन दशहर मांझी के लिए भारत रत्न की मांग करने वाले जीतन राम मांझी अब शांत पड़ गए हैं. भाजपा में जाने के बाद से एक बार भी मांझी ने दशरथ मांझी का जिक्र नहीं किया. यह आरोप लगाते हुए जदयू ने जीतन राम मांझी से सवाल किया है. JDU प्रवक्ता हिमराज राम ने कहा कि अब तक दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि क्यों नहीं दी गई.
'दहशरथ मांझी के बहाने भाजपा नेता से मिलते थे':दरअसल, जिस समय जीतन राम मांझी महागठबंधन के साथ थे, उस वक्त वे लगातार भाजपा नेताओं से मुलाकात के लिए दिल्ली जाते थे. जब मीडिया ने अमित शाह से मुलाकात का कारण पूछा था तो उन्होंने दशरथ मांझी का नाम लिया था. कहा कि दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न की उपाधि मांगने के लिए गए थे, लेकिन जब से महागठबंधन को छोड़कर NDA में गए हैं, तब से दशरथ मांझी का जिक्र तक नहीं किया. जीतन राम मांझी के इसी चुप्पी पर JDU ने सवाल पूछा है.
परिवारवाद की राजनीति करने का आरोपः जेडीयू ने बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप भी लगाया है. कहा कि वे लंबे समय से बिहार की राजनीति में रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा खुद और अपने बेटे के लिए राजनीति करने का काम किया है. हिमराज राम ने सवालिया लहजे में पूछा कि पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को सीएम नीतीश कुमार ने सम्मान दिया, लेकिन क्या कभी जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार से दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि दिलाने की मांग की?
"जीतन राम मांझी बिहार की राजनीति में लंबे समय से रहे हैं. हमेशा अपने, अपने परिवार के लिए राजनीति में स्थापित हुए. महागठबंधन में शामिल थे तो भाजपा के नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली जाते थे. जब मीडिया ने पूछा तो कहा कि दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न की मांगने गए थे. अब तो भाजपा में हैं तो अभी तक भारत रत्न की उपाधि क्यों नहीं मिली. अमित शाह से मिलने के लिए जाते हैं तो उनका गेट के बाहर ही चप्पल-जूता उतरवा दिया जाता है. उस वक्त इनका स्वाभिमान कहां चला जाता है. इनको अपनी जाति की चिंता नहीं है. इन्हें अपनी और अपने परिवार की चिंता है."-हिमराज राम, जदयू प्रवक्ता
'बिहार की तरह केंद्र में आरक्षण कब बढ़ेगा?' प्रवक्ता ने कहा कि जीतन राम मांझी को यह भी बताना चाहिए बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या भागीदारी के हिसाब से अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण को बढ़ाने का फैसला लिया, लेकिन केंद्र सरकार देश भर में यह कदम कब उठाएगी? केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित बापू जगजीवन नाम छात्रावास योजना के तहत बिहार व पंजाब में एक भी छात्रावास नहीं बनाया गया. क्या इसके लिए कभी जीतन राम मांझी ने आवाज उठाई?
'भाजपा ने किया दलितों का अपमान': JDU ने सवाल किया कि नए संसद भवन के शिलान्यास में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व उद्घाटन में महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया. क्या यह दलितों का अपमान नहीं था? हिमराज ने कहा कि डाॅ भीमराव अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम, रामनाथ कोविंद व महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के अपमान करने वाले के साथ जो राजनैतिक रूप से खड़ा होगा वह अनुसूचित जनजाति एवं जाति का विरोधी माना जाएगा.