पटना: बिहार में बाढ़ का कहर बरपना शुरू हो गया है. कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में लोगों की जिंदगी पूरी तरह बेपटरी हो गई है. जहां एक ओर संक्रमण से प्रदेश के हालात पहले से लचर हो चले थे. वहीं, अब बाढ़ प्रभावित इलाकों से आई तस्वीरें दर्द बयां कर रही हैं.
पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, खगड़िया, सुपौल और मुजफ्फरपुर जिलों में नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं. सभी जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. लोग ऊंचे स्थानों की ओर विस्थापित हो चुके हैं. चारों ओर जल से घिरे लोग खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं. कुछ एक जगह प्रशासनिक पहल शुरू हुई है.
कुछ रोज पहले गुलजार थे खेत
ईटीवी भारत रिपोर्टरों ने जब बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. तो चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दिया. जिन इलाकों में कभी चमचमाती हुई सड़के दिखाई देती थीं. जहां कुछ रोज पहले फसलें लहरा रही थीं. अब वहां बाढ़ के पानी अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. लोगों का दर्द और बाढ़ का पानी कैमरे में कैद किया गया है.
दरभंगा में बाढ़
पिछले 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण करेह नदी समेत कई सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है. जिससे दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड के हायाघाट और थलवारा के बीच मुंडा पुल संख्या-16 पर बाढ़ के पानी का दबाव बनने से रेलखंड पर सुबह 7 बजे से परिचालन को रोक दिया गया है. जिले के 8 प्रखंड के 107 पंचायत बाढ़ के पानी से घिरे हैं. जिले की 48 पंचायत पूरी तरह से और 59 पंचायत आशिक रूप से प्रभावित है. कुल 281 गांवों के 83 हजार 173 परिवार प्रभावित हैं.
हवाई जहाज से गिराये गए फूड पैकेट
दरभंगा में बाढ़ पीड़ितों के तक तक खाना पहुंचाने के लिए वायुसेना की मदद ली गई है. वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर बाढ़ पीड़ितों के बीच खाना गिरा रहे हैं. दो हेलीकॉप्टर दरभंगा और मोतिहारी में राहत कार्य चला रहे हैं.
मुजफ्फरपुर में बाढ़ का कहर
जिले के कांटी प्रखंड के मिठनसराय और कोल्हुआ पैगम्बरपुर के लोग गांव में पानी घुसने के बाद मुजफ्फरपुर-दरभंगा नेशनल हाइवे पर तम्बू लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं. बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक सहित अधिकांश छोटी पहाड़ी नदियां भी कई जगह खतरे के निशान से उपर बह रही है. वहीं पानी घरों में घुसने से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं.
बेगूसराय में कटान जारी
बेगूसराय में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. वहीं खोदावंदपुर प्रखंड के अधिकारियों ने कटान की सम्भावना को देखते हुए संवेदनशील स्थानों का निरीक्षण किया. जिले के दियारा इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
कोसी का कहर
सुपौल सदर प्रखंड के बाढ प्रभावित पंचायत बलवा, घूरण, बसबिट्टी, तेलवा, गोपालपुर सिरे सहित दर्जनों गांव में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, कई गांव में नदी का तेज कटान भी शुरू हो गया है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों में दहशत व्याप्त है.
गोपालगंज की स्थिति भयावह
गोपालगंज के देवापुर में सारण तटबंध के टूट जाने के बाद कई प्रखंडों की हालत खराब हो गई है. बरौली प्रखंड के शहरी इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बांध टूटने की सूचना के बाद ढढ़वा, सोनबरसा, आलापुर, जोकहा, रूपनाछाप सहित बरौली गांव के लोग तटबंध पर शरण ले रहे हैं. एक पक्का मकान जमींदोज हो गया है. कुल मिलाकर गोपालगंज में स्थिति भयावह हो चली है .
पश्चिमी चंपारण में बाढ़ का कहर
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला पश्चिमी चंपारण है. यहां बेतिया और बगहा पूरी तरह जलमग्न नजर आ रहे हैं. ग्राउंड जीरो से रिपोर्टर ने जो तस्वीरें भेजी हैं. वो बताने के लिए काफी हैं. मझौलिया के रमपुरवा महनवा पंचायत के महनवा गांव पूरी तरह से बाढ़ के चपेट में है.