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पटना: ड्रॉपआउट छात्रों के लिए 12 अक्टूबर तक चलेगा नामांकन अभियान - पटना समाचार

जिले में सरकारी स्कूलों में नामांकन अभियान शुरू कर दिया गया है. इस अभियान के तहत स्कूल छोड़ चुके बच्चों का उम्र के मुताबिक कक्षा में एडमिशन कराने का निर्देश जारी किया गया है. इसमें शिक्षक, टोला सेवक और तालिमी मरकज के शिक्षा सेवी प्रमुख भूमिका निभाएंगे.

enrollment campaign for dropout students will run till 12 october
नामाकंन अभियान शुरू

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Published : Oct 2, 2020, 2:29 PM IST

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में एक बार फिर से नामांकन अभियान शुरू हो गया है. यह नामाकंन प्रक्रिया 12 अक्टूबर तक चलेगी. इस अभियान के तहत किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान कर उन्हें फिर से उम्र के मुताबिक कक्षा में एडमिशन कराने का निर्देश शिक्षा विभाग ने दिया है.


शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. इस नामांकन अभियान में सभी टोला और बसावट में घर-घर सर्वेक्षण कराया जाएगा. इसमें शिक्षक, टोला सेवक और तालिमी मरकज के शिक्षा सेवी प्रमुख भूमिका निभाएंगे.


घर जाकर किया जाएगा नामांकन
इस पूरे अभियान में स्कूलों के प्रधान शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होगी जो इसके लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाएंगे. इस दिशा-निर्देश के अनुसार क्लास वन में बच्चों का नामांकन उनके घर जाकर किया जाएगा. क्लास वन के लिए हंड्रेड परसेंट नामांकन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. वहीं जिले के स्कूलों की 5वीं क्लास से पास करने वाले सभी विद्यार्थियों का नामांकन कक्षा 6 में सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है. इसके लिए संकुल स्तर पर 5वीं पास विद्यार्थियों का आकलन कर उनकी सुविधा के मुताबिक नजदीक के मध्य विद्यालय में नामांकन के लिए उनकी टैगिंग करनी होगी. प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर मध्य विद्यालय के प्रधान को ऐसे विद्यालयों की सूची सौंपेंगे. वहीं 9वीं क्लास में एडमिशन के लिए भी 12 अक्टूबर तक का समय बढ़ाया गया है.


ईपीएफ को लेकर भी निर्देश जारी
बिहार के पंचायती राज और नगर निकायों के अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षक और लाइब्रेरियन के ईपीएफ अंशदान की राशि हर महीने ऑनलाइन 15 तारीख तक जमा हो जाएगी. माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक ईपीएफ की राशि 15 तारीख तक हर हाल में ट्रांसफर हो जानी है. वहीं देर होने पर सूद की राशि जुर्माने के रूप में जमा करने की जवाबदेही संबंधित अधिकारी की होगी. हर महीने शिक्षकों का अंशदान 1880 रुपये मासिक, जबकि नियोक्ता का अंशदान 1950 रुपये प्रति माह होगा.

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