पटना: राजधानी में आम लोगों की सेहत के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा था. इस बात का खुलासा तब हुआ जब जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम बुधवार को पटना के दूध मार्केट में अतिक्रमण हटाने पहुंची. कार्रवाई के दौरान विभाग को भारी मात्रा में केमिकल मिला. जानकारी के मुताबिक इस केमिकल का उपयोग नकली दूध के निर्माण में होता था.
पटना नगर निगम की अपर आयुक्त शिला ईरानी के हाथों यह दूध बनाने का केमिकल लगा. जिसके बाद उन्होंने नगर निगम के अपर आयुक्त को इसकी जानकारी दी. मौके पर मौजूद आयुक्त आनंद किशोर ने इसे खाद्य विभाग की टीम को सौंपा और जांच करने का आदेश दिया. फिलहाल, बरामद हुए इस केमिकल को जांच के लिए आलमगंज स्थित फूड जांच लैब में भेजा गया है.
ईटीवी भारत संवाददाता नीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट आयुक्त ने कहा होगी जांच
इस मामले पर बोलते हुए आनंद किशोर ने बताया है कि बरामद केमिकल को फूड लैबोरेट्री में जांच के लिए भेजा गया है. अगर लैबोरेट्री में यह साबित होता है कि किसी केमिकल से दूध बनाकर बाजारों में सप्लाई किया जा रहा था तो कई मंडी के दूध व्यवसाय पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम लालू यादव ने किया था शिलान्यास
ताज्जुब की बात यह है कि यह धंधा खुलेआम तरीके से प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा था. लेकिन, प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं थी. गौरतलब है कि 1990 के दशक में पटना जंक्शन के पूर्वी छोर पर उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस दूध मंडी का शिलान्यास किया था. बुधवार को इस दूध मंडी का अस्तित्व खत्म हो गया.
आनंद किशोर, प्रमंडलीय आयुक्त हाईकोर्ट के आदेश के बाद की गई कार्रवाई
दरअसल, पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाओ महाअभियान के दौरान पटना जंक्शन से अस्थाई अवैध अतिक्रमण हटाया गया. कार्रवाई करने पहुंची निगम और प्रशासन की टीम को दूध मंडी के कारोबारियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. हालांकि, हंगामा कर रहे कारोबारियों पर पुलिस ने बल प्रयोग कर काबू पा लिया.