किशनगंज: मौसम विभाग ने 20 जून के बाद से बिहार में तेज बारिश होने की संभावना व्यक्त की है. विभाग की चेतावनी के बाद बिहार के बाढ़ ग्रस्त जिले में से एक किशनगंज जिले के लोगों की माथे की शिकन बढ़ गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 5 नदियों से घिरे रहने की वजह से जिले में हर साल बाढ़ आता है. लेकिन शहर में बाढ़ का प्रमुख कारण रमजान नदी है. यह नदी शहर के बीचों-बीच गुजरती है. नदी शहर को दो भाग में बांटती है. इस नदी में बाढ़ आने का प्रमुख कारण अतिक्रमण है.
'कभी कलकल बहती थी धारा'
नदी की स्थिति पर स्थानीय माधवमनी त्रिपाठी और खालिद सरफराजी बताते हैं कि यह नदी हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है. किशनगंज शहर के बीचों-बीच गुजरनेवाली रमजान नदी और इसकी कलकल बहती धारा कभी शहर के लोगों के लिए जल का बेहतरीन प्राकृतिक स्त्रोत था. लेकिन इसके उदगम स्थल के पास बांध बना दिया गया और दूसरी ओर नदी का अतिक्रमण भी बड़े पैमाने पर हुआ. वर्तमान में नदी की स्थिति पतले नाले की तरह हो गई है. जलधारा नहीं होने के कारण नदी के बीच में भी कई घर बन चुके है. नदी में अतिक्रमण होने के कारण इसकी जलधारा आबाद रूप में नहीं बह पा रही है. तेज बारिश होने के बाद पानी के बहाव ठीक से नहीं हो पाता है. जिस वजह से नदी का पानी शहर में बाढ़ के रूप में आती है.
'नदी को लेकर बनाई गई है 3 योजनाएं'
इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश ने बताया कि रमजान नदी को लेकर जिला प्रशासन ने 3 योजनाएं बनाई है. नदी का सोर्स डॉक नदी से लगभग 20 फीट उपर है. प्राइवेट एजेंसी से हाइड्रोलिक लिफ्ट के माध्यम से पानी लिफ्ट करने का प्रयास किया जा रहा है.