बिहार

bihar

ETV Bharat / state

शराबबंदी वाले बिहार में डेढ़ करोड़ लीटर नीरा उत्पादन का लक्ष्य, जानिये क्या है सरकार की योजना - बिहार में शराबबंदी

बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को पूर्णता सफल बनाने के लिए ताड़ी के व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है. इसके बाद भी बहुत से लोग अब भी देसी शराब और ताड़ी के धंधे से जुड़े हैं. अब राज्य सरकार ने शहरी इलाकों में ताड़ी और शराब के धंधे से जुड़े हुए लोगों को वैकल्पिक रोजगार के लिए एक लाख रुपये उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. नीरा की बिक्री को 'जहरीली शराब से हो रही मौत' पर काबू पाने का एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

शराबबंदी
शराबबंदी

By

Published : Nov 30, 2022, 7:08 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत शहरी इलाकों में ताड़ी और शराब के धंधे से जुड़े हुए लोगों को वैकल्पिक रोजगार के लिए एक लाख रुपये उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. सरकार के फैसले को लेकर आज बुधवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरुगन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही नीरा उत्पादन (Neera production in Bihar) को लेकर भी कहा कि डेढ़ करोड़ लीटर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

इसे भी पढ़ेंः'शराब छोड़िए.. एक लाख ले जाइये'..बिहार में शराबबंदी पर नीतीश कुमार की बंपर स्कीम

बिहार में डेढ़ करोड़ लीटर नीरा उत्पादन का लक्ष्य.


क्या है सतत जीविकोपार्जन योजनाः ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरुगन ने कहा कि सतत जीविकोपार्जन योजना (Sustainable Livelihood Scheme) 5 अगस्त 2018 को शुरू हुई थी. इस योजना के अंतर्गत अब तक 1,47,277 निर्धन परिवारों का चयन किया जा चुका है. चयनित परिवारों में 95,921 अनुसूचित जाति जनजाति और 51,356 अन्य वर्गों के हैं. अब तक 1,45,998 निर्धन परिवारों को क्षमता वर्धन विषयों पर प्रशिक्षित किया जा चुका है. बाला मुरुगन ने कहा योजना अंतर्गत 40,893 ताड़ी तथा देसी शराब से जुड़े परिवारों को सतत जीविकोपार्जन से जोड़ा गया है. इनमें से 30619 परिवार ताड़ी तथा 10,274 परिवार देसी शराब के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े थे.

नीरा परियोजना से जोड़ा गयाः नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से शहरी क्षेत्रों में ताड़ी तथा देसी शराब से जुड़े 12258 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है. बाला मुरुगन ने कहा कि 2017 से ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री से जुड़े परिवारों को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से नीरा परियोजना से जोड़ा गया है. 2017 से अब तक कुल 89 लाख 46380 लीटर नीरा का उत्पादन किया जा चुका है. जिसके विक्रय से नीरा उत्पादकों को 69.45 करोड़ का आय हुआ है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 75 लाख 17287 लीटर नीरा का उत्पादन हुआ है.

इसे भी पढ़ेंः 'बिहार में शराबबंदी के कारण हो रही 6000 करोड़ की सालाना क्षति'- सुशील मोदी

स्वास्थ्य के लिए लाभदायकः ताड़ी से बनी नीरा (Neera made from Toddy) स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इससे जहां पेट की गंभीर बीमारी दूर होती है, तो जॉन्डिस भी गायब हो जाता है. लीवर संबंधी बीमारियों में नीरा रामबाण है, नीरा से नशा भी नहीं होता है. ऐसे में सरकार बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को पूर्णता सफल बनाने के लिए ताड़ी के व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है.

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक.

इसे भी पढ़ेंः ताड़ी से बनी 'नीरा' स्वास्थ्य के लिए है रामबाण, जानें पीने से क्या मिलता है लाभ

कब करें 'नीरा' का सेवन?:चिकित्सक की मानें तो नीरा का सेवन सूर्योदय के पहले करें. सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. मुंगेर जिले के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इस रस से जॉन्डिस और दमा समेत अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

इसे भी पढ़ेंः ताड़ीबंदी के बाद रोजगार के लिये की गई थी नीरा सेंटर की शुरुआत, इस योजना का भी है बुरा हाल

'तार के पेड़ों का सर्वेक्षण किया गया है. मध्य बिहार में नालंदा, गया और नवादा में सबसे अधिक तार के पेड़ पाए गए हैं. हम लोगों की पूरी कोशिश है कि नीरा का उत्पादन और खपत हो जाए. जो बचेगा उसकी प्रोसेसिंग की जाएगी'-अमीर सुबहानी, मुख्य सचिव





ABOUT THE AUTHOR

...view details