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नियोजित शिक्षकों ने मांगा राजकीय शिक्षक का दर्जा, बोले- हमारे साथ नहीं हुआ न्याय

इस बैठक में सरकार और आला अधिकारियों से मांग की गई कि नियोजित शिक्षकों के लिए समुचित सेवा शब्द बनाइए और हमें राजकीय शिक्षक का दर्जा दीजिए.

शिक्षक संघ के पदाधिकारी

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Published : Jun 23, 2019, 11:37 PM IST

पटना: समान काम समान वेतन और नियोजित शिक्षकों को राजकीय शिक्षक का दर्जा देने की मांग जारी है. इसी क्रम में पटना के आईएमए हॉल में परिवर्तनकारी प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से बैठक बुलाई गई. इस बैठक में शिक्षकों ने अपने विचारों से शिक्षक संघ अध्यक्ष को अवगत कराया और अगली बैठक में अनुशासन समिति बनाए जाने की बात कही गई.

इस बैठक में सरकार और आला अधिकारियों से मांग की गई कि नियोजित शिक्षकों के लिए समुचित सेवा शब्द बनाइए और हमें राजकीय शिक्षक का दर्जा दीजिए. बैठक में कहा गया कि जिन महिलाओं का स्थानांतरण नहीं हो रहा है, और जिनके परिवार बिखर रहे हैं. उनके गृह जिला में उनके पदस्थापन की कार्रवाई की जाए. महिलाओं को उनके गृह जिला में स्थानांतरण की सुविधा दी जाए.

शिक्षक संघ के पदाधिकारी

आंदोलन के लिए रणनीति
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर बृजवासी ने बताया कि हम लोगों ने यह बैठक समान की रणनीति को लेकर की. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने यह तय किया है कि हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि आप शिक्षकों के साथ प्रतिशोधात्मक भावना से कार्रवाई ना करें.

प्रधान सचिव का बयान तानाशाही
उन्होंने कहा कि अभी प्रधान सचिव आरके महाजन साहब का पहले बयान आया था, कि हम नियोजित शिक्षकों के आंदोलन को कुचल देंगे. यह एक तानाशाही जैसा शब्द है. उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र है और बिहार के संसाधनों पर यहां के शिक्षकों का भी उतना ही अधिकार और हक है जितना यहां के राजनीतिज्ञों का है.

नियोजित शिक्षकों के साथ नहीं हुआ न्याय
उन्होंने कहा कि बेशक हम लोगों की सुप्रीम कोर्ट की पहली सीढ़ी पर हार हुई है. लेकिन अभी आगे दो सीढ़ियां बची हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को अंतिम निर्णय नहीं माना जा सकता और यह अंतिम लड़ाई नहीं है. और ना ही यह अंतिम निर्णय है. हम लोगों के साथ समुचित न्याय नहीं हुआ है.

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