पटना : राजधानी पटना स्थित कालिदास रंगालय में ऑल इंडिया इलेक्ट्रो होम्योपैथी (Electro Homeopathic Association) मेडिकल एसोसिएशन की साइंटिफिक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमें देशभर से इस चिकित्सा पद्धति से जुड़े 250 से अधिक चिकित्सक शामिल हुए. वर्कशॉप में लोगों को बताया गया कि इस चिकित्सा पद्धति में 114 प्रकार के पौधों से निकलने वाले रस से दवाइयां तैयार ( Electro Homeopathic Medicine ) की जाती है. इस चिकित्सा पद्धति कैंसर और किडनी फेल्योर जैसे गंभीर रोगों के निदान में भी पूरी तरह सक्षम है. बताते चलें कि इस चिकित्सा पद्धति को राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त है. केंद्र सरकार इसे मान्यता देने के लिए प्रक्रियाधीन है.
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ऑल इंडिया इलेक्ट्रो होमियोपैथी मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सीवी प्रभाकर ने बताया कि, इलेक्ट्रो होम्योपैथी उच्च कोटि की चिकित्सा पद्धति है.देशभर में लोग अभी इस चिकित्सा पद्धति से अनजान है. इस चिकित्सा पद्धति ने सभी गंभीर रोगों का निदान है. उन्होंने कहा कि शरीर में रस और रक्त यदि खराब नहीं होता तो कोई बीमारी नहीं होती है. ऐसे में यह चिकित्सा पद्धति रस और रक्त के सिद्धांत पर काम करती है. उसी आधार पर दवाइयां दी जाती हैं.
'शरीर पंचभूत से बना है. पौधों में पंचभूत पाये जाते हैं, इसलिए इस चिकित्सा पद्धति में सिर्फ पौधों के रस से दवाइयां तैयार की जाती हैं. किसी प्रकार का कोई केमिकल यूज़ नहीं किया जाता है. कई डायलिसिस के मरीजों को इस चिकित्सा पद्धति से इलाज किया गया है. कई लोग ठीक भी हो चुके हैं.':- डॉ. सीवी प्रभाकर, ऑल इंडिया इलेक्ट्रो होमियोपैथी मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष