पटनाः बिहार में बिजली संकट (Electricity Cut Problem in Bihar) गहराने लगा है. एनटीपीसी में कोयले की कमी का असर अब राज्य में दिखने लगा है. राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बिजली कटौती की जा रही है. यही वजह है कि बिजली की आंख मिचौली शुरू हो गयी है. गर्मी के इस मौसम में बिजली की कटौती से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. इस भीषण गर्मी में शहर में 4 घंटा और ग्रामीण इलाकों में 8 से 10 घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है.
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बढ़ गई है बिजली की खपतः अक्सर गर्मी के दिनों में बिजली की खपत बढ़ जाती है. इसका एकमात्र कारण है कि जिस तरह से तापमान में बढ़ोतरी होती है अधिकांश लोग कूलर, एसी, पंखा का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करने लगते हैं और लोग गर्मी से बचने के लिए अपने घरों में रहना ज्यादा पसंद करते हैं, जिसका नतीजा है कि इन दिनों प्रदेश के बिजली विभाग का पसीना छूट रहा है. प्रदेश को 6200 से 6500 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन प्रदेश को 48 से 5000 मेगा वाट बिजली उपलब्ध हो पा रही है. ऐसे में बिजली विभाग के अधिकारी मेंटेनेंस के नाम पर बिजली काट रही है.
घंटों कट की जा रही है बिजलीः शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन दर्जनों इलाकों में मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली कट की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की बिजली विभाग पर आरोप है कि बिजली विभाग कोई जानकारी नहीं दे रही है कि बिजली कितनी देर कटेगी. जब मन करता है तब बिजली काट दी जा रही है. कभी रात भर बिजली गायब रह रही है, तो कभी दिनभर बिजली गायब रह रही है. इस समस्या से ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी परेशान दिख रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा बिजली काटी जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
कोयला संकट से हो रही है परेशानीः हालांकि बिजली परेशानी को कोयला संकट बताया जा रहा है. देश में कोयले की संकट बढ़ने लगी है. जिसका नतीजा है कि बिजली थर्मल पावर अपेक्षा के अनुरूप उत्पादन नहीं कर पा रहा है. बता दें कि पिछले साल भी देश के कई राज्यों को बिजली संकट से जूझना पड़ा था. उसमें बिहार भी शामिल था. फिर गर्मी शुरू होते ही लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. बिहार सरकार अपने से प्रयास कर रही है. जो कमी है, उसको जल्द से जल्द दूर किया जाए और लोगों को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध करायी जाए. हालांकि केंद्र से जितनी मदद मिलनी चाहिए नहीं मिल रही है.
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