पटनाः बिहार में एक तरफ बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बिजली की आंख मिचौली भी खूब चल रही है. इसका एक मात्र कारण कोयला संकट है. जिस वजह से बिहार में भी बिजली की बड़ी समस्या (power crisis in bihar) खड़ी हो गई है. इन दिनों बिहार के ग्रामीण इलाकों में 5 से 8 घंटे तक लोड शेडिंग हो रही है. बिहार को केंद्रीय सेक्टर से लगभग आधी बिजली मिल रही है, जिसने परेशानियां बढ़ा दी है. जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी से बिहार को 1500 मेगावाट कम बिजली (1500 MW less power supply to Bihar) मिल रही है. वहीं, बिजली संकट की समस्या को लेकर बिजली विभाग कुछ भी कहने से बचता नजर आ रहा है.
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बिहार को 1500 मेगावाट कम बिजली मिली: एसबीपीडीसीएल-एनबीपीडीसीएल के अधिकारियों से मिली जानकारी से यह साफ हो जाता है कि एनटीपीसी कांटी की एक यूनिट बंद होने से 133 मेगावाट, नवीनगर की एक यूनिट बंद होने से 525 मेगावाट और बरौनी की तीन यूनित यानी यूनिट संख्या सात बंद होने से 110 मेगावाट बिजली कम मिल रही है. इसके अलावा यूनिट संख्या छह बंद होने से 93 मेगावाट और यूनिट संख्या आठ भी बंद हो गई है. जिस वजह से राज्य को 230 मेगावाट कम बिजली मिल रही हैं. यानी कि बिहार को 5500 मेगावाट ही मिल पा रहा है. अभी बिहार को गर्मी के तापमान के कारण 6500-6600 मेगावाट बिजली की जरूरत है.