पटना: राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव से जुड़ी शिकायतें और सुझाव को निर्वाचन आयोग गंभीरता से ले रही है. इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के तर्ज पर लोगों की शिकायतों का निष्पादन किया जा रहा है.
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पहली बार राजधानी पटना स्थित राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर में कॉल सेंटर और सोशल मीडिया सेंटर बनाया गया है. रोजाना सैकड़ों की संख्या में आ रहे शिकायतों का निष्पादन आयोग द्वारा किया जा रहा है. फिलहाल कॉल सेंटर में 10 फोन लाइन पर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक शिकायतें और सुझाव लिए जा रहे हैं. चुनाव का समय नजदीक आने पर या आचार संहिता लागू होने पर फोन लाइन को 10 से बढ़ाकर के 25 कर दिया जाएगा. एक बार में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 25 लोगों से बात कर शिकायतें और सुझाव लिए जा सकेंगे.
सोशल मीडिया पर भी सवालों का दिया जा रहा जवाब
कॉल सेंटर में फोन कॉल के जरिए पंचायत चुनाव को लेकर आम नागरिकों की शिकायतों और सुझावों का निपटारा तो किया ही जा रहा है. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग पूरी गंभीरता से आयोग द्वारा चलाए जा रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी जो सवाल पूछे जा रहे हैं उसका विधिवत जवाब दिया जा रहा है.
राज्य निर्वाचन आयोग फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टि्वटर पर सवाल और सुझाव ले रहा है. कॉल सेंटर और सोशल मीडिया सेल चलाने के पीछे राज निर्वाचन आयोग का मकसद वैसे लोगों को सुविधा देना है जो पटना नहीं आ सकते या संबंधित कार्यालय तक नहीं पहुंच सकते. इसके अलावा आयोग का मकसद यह भी है कि किसी भी व्यक्ति या उम्मीदवार को चुनाव से जुड़ी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके.
सोशल मीडिया पर भी दिया जा रहा सवालों का जवाब. रिकॉर्ड होती है सभी कॉल
राज्य निर्वाचन आयोग ने कॉल सेंटर को लेकर सभी कॉल को रिकॉर्ड करने का भी निर्देश दे रखा है ताकि कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों द्वारा राज्य की आम जनता के साथ बेहतर व्यवहार हो सके. क्या बातचीत हो रही है? किस तरह के सवाल ज्यादा आ रहे हैं? इस विषय को संरक्षित रखा जा सके.
आगामी पंचायत चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इस बार राज्य निर्वाचन आयोग भी पोस्टर, बैनर और विज्ञापन जारी करेगा. इन विज्ञापनों में कोविड गाइडलाइन के तहत कैसे मतदान करना है, इसकी विस्तृत जानकारी होगी. इसके अलावा किस तरह से मतदान केंद्र में एक बूथ पर 6 विभिन्न पदों के लिए वोट डालना होगा इसे भी समझाया जाएगा.
राज्य निर्वाचन आयोग का सोशल मीडिया सेल. सोशल मीडिया सेल में कार्यरत सूचना जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी दिव्यराज बताते हैं कि जबसे सोशल मीडिया सेल का गठन किया गया है पंचायत चुनाव से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं. प्रतिदिन 20 से 25 सवाल पूछे जा रहे हैं. इसके निष्पादन में 1 दिन का वक्त लगता है.
"जो भी सवाल पूछे जा रहे हैं उसे संबंधित अधिकारी से लिखित में जवाब लेकर सोशल मीडिया साइट पर हमारे द्वारा अपलोड किया जा रहा है ताकि सवाल पूछने वाले को पूरी तरह से संतुष्ट किया जा सके. किसी भी तरह से भ्रम की स्थिति न फैले."- दिव्यराज, सूचना जनसंपर्क कर्मी
15 जिलों से पूछे गए सवाल
मतदाता सूची:मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर अब तक 1446 सवाल पूछे जा चुके हैं. ज्यादातर मतदाता पंचायत में नाम जुड़वाने को लेकर सवाल कर रहे हैं.
मतदान केंद्र: आगामी पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों के गठन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई नए नियम लागू किए हैं. इस संबंध में अब तक करीब 600 सवाल और शिकायत मिले. ज्यादातर शिकायतें गांव से दूर मतदान केंद्रों के गठन को लेकर हैं, जिसपर राज्य निर्वाचन आयोग लगातार संज्ञान लेते हुए संबंधित निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांग रहा है.
वार्ड में बदलाव:बीते दिनों नीतीश सरकार द्वारा कई पंचायत को नगर निकाय में तब्दील करने के कारण मतदाताओं के वार्ड में बदलाव हुआ है. इस संबंध में अब तक 926 सवाल और शिकायत आयोग को मिले हैं.
मतदान प्रक्रिया:आगामी पंचायत चुनाव ईवीएम से होना है. हर पंचायत में 6 विभिन्न पदों पर मतदान किया जाएगा. हर मतदान केंद्र पर 1 कंट्रोल यूनिट के साथ 6 बैलट यूनिट जुड़े होंगे. पहली बार ईवीएम से चुनाव होने के कारण इस संबंध में अब तक 603 सवाल पूछे गए हैं.
आरक्षण संबंधित:पंचायत चुनाव में महिला और दलित व पिछड़ा समाज के लिए सीट रिजर्व होते हैं. इस संबंध में भ्रम दूर करने के लिए 382 सवाल पूछे जा चुके हैं.
पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ मिल रही शिकायतें
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पंचायत के वर्तमान प्रतिनिधियों के बारे में बड़ी संख्या में शिकायतें मिलती हैं. अब तक 1018 शिकायतें आ चुकी हैं. इन शिकायतों की जांच के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा संबंधित निर्वाचित पदाधिकारी और अधिकृत अधिकारी को लिखित में सूचना दी जा रही है.
"राज्य में 2.90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होने हैं. आयोग पूरी कोशिश कर रहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर जो भी जिज्ञासा उम्मीदवार या आम नागरिकों की है उसे सही तरीके से पूरा किया जा सके."- योगेंद्र, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग