बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बोले गुरु रहमान- 'छात्रों को बदनाम करने की कोशिश, अग्निपथ प्रदर्शन में उपद्रवी तत्वों का कब्जा'

देश भर में अग्निपथ स्कीम योजना को लेकर विरोध (Agnipath scheme protest) हो रहा है. बिहार में तो पिछले चार दिनों में उग्र प्रदर्शन के दौरान कई ट्रनों को आग के हवाले कर दिया गया. प्रशासन का मानना है कि विरोध के आड़ में उपद्रवियों ने सुनियोजित तरीके से ऐसा किया है. जिसमें कुछ कोचिंग संचालक भी शामिल हैं. शिक्षाविद गुरु रहमान ने इस पूरे मामले पर अपने विचार रखे हैं. पढ़ें पूरी खबर....

शिक्षाविद गुरु रहमान ने अग्निपथ में दिया बयान
शिक्षाविद गुरु रहमान ने अग्निपथ में दिया बयान

By

Published : Jun 19, 2022, 9:50 PM IST

पटना: बिहार में अग्निपथ स्कीम योजना के विरोध में हुए उग्र प्रदर्शन की जांच चल रही है. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने उग्र प्रदर्शन के पीछे कोचिंग संचालकों की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे. जानकारी के अनुसार जांच में सात कोचिंग संचालकों की भूमिका को संदिग्ध पाया गया और उनके खिलाफ जांच की जा रही है. इसी बीच पटना के प्रख्यात शिक्षाविद गुरु रहमान (Educationist Guru Rahman) ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन में उपद्रवी शामिल थे. यदि किसी कोचिंग संचालक की छात्रों को उकसाने में भूमिका है तो उस पर कड़ी कार्रवाई हो.

यह भी पढ़ें:Agnipath Scheme Protest: बिहार में कोचिंग सेंटरों ने हिंसा के लिए उकसाया?

शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बदनाम किया:शिक्षाविद गुरु रहमान (Guru Rahman On Agnipath Protest) ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान जो उत्पात मचा है और जिस प्रकार से प्रदर्शन को हिंसक किया गया है, यह लोकतंत्र में प्रदर्शन का कतई स्वरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन में उपद्रवी तत्वों का कब्जा हो गया है. उपद्रवियों ने ही उत्पात मचाया है. यह छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि वह डिफेंस की तैयारी नहीं कराते लेकिन उनके पास छात्र पहुंचे हुए थे कि उन्हें अग्निपथ योजना को लेकर रोष है.

आरोपी कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई हो:गुरु रहमान ने कहा कि वह लगातार मीडिया के माध्यम से डिफेंस की तैयारी करने वाले छात्रों से अपील कर रहे हैं कि अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करें और जो कुछ भी उनकी समस्याएं हैं, उसे शांतिपूर्ण तरीके से सामने रखें. उन्होंने कहा कि शनिवार को मसौढ़ी में जो घटनाएं हुई है. उसमें तीन कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका प्रशासन को जांच में नजर आई है. ऐसे में वह प्रशासन से अपील करेंगे कि छात्रों को उकसाने वाले कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई करें.

पुलिस गहनता से करें सबूतों की जांच:गुरु रहमान ने कहा किप्रशासन से अपील करेंगे कि तमाम वीडियो फुटेज को गहनता से जांच किया जाए. क्योंकि कोचिंग संचालकों पर जो आरोप लग रहा है उससे कोचिंग संचालक विचलित है. प्रशासन निष्पक्ष तरीके से जांच करके कोचिंग संचालकों को आश्वस्त करें. उन्होंने कहा कि जो कोचिंग संचालक छात्र हित में छात्रों के साथ खड़े हैं और छात्रों के मॉब को शांत करते हुए कुछ स्टेटमेंट दे रहे हैं जिससे कि छात्र भी आश्वस्त हो कि उनके साथ कोई खड़ा है. ऐसे में कोचिंग संचालकों को बेवजह टारगेट नहीं किया जाए.

युवाओं की आकांक्षा का ख्याल रखे सरकार:शिक्षाविद ने कहा कि सेना में जाकर लंबे समय तक देश की सेवा करने की युवा आकांक्षा रखते हैं ऐसे में 4 साल का उन्हें जो नौकरी दिया जा रहा है. इस पर युवाओं का विरोध है और सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. सरकार आश्वस्त करे कि 4 साल बाद उन्हें नौकरी के लिए भटकना नहीं होगा और किसी न किसी विभाग में उन्हें स्थाई रूप से नौकरी दिया जाएगा.उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि छात्र किसी भी प्रकार के हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं हो, क्योंकि अपने देश की संपत्ति को आग लगाना और उसे क्षति पहुंचाना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है.

अग्निपथ' आंदोलन को कौन हवा दे रहा है? :'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में शुक्रवार को उपद्रवियों ने दानापुर स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को फूंक दिया था. पटना डीएम ने बताया कि इस मामले में 170 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल पर कुछ कोचिंग सेंटर के वीडियो फुटेज और वाट्सएप मैसेज मिले हैं. जिसकी जांच की जा रही है. 7 कोचिंग संस्थानों के संचालक भी जिला प्रशासन के रडार पर हैं. अगर जरूरी हुआ तो हम पटना में इंटरनेट सेवाएं बंद करने से नहीं हिचकिचाएंगे. हम व्यक्तियों के साथ-साथ व्हाट्सएप ग्रुप के व्यवस्थापकों के सोशल मीडिया खातों को भी स्कैन कर रहे हैं.

आरआरबी प्रोटेस्ट वाले अग्निपथ विरोध प्रदर्शन में शामिल! : इधर, पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली अहम जानकारी के अनुसार 'अग्निपथ' योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से सुनियोजित साजिश थी. इस प्रदर्शन में शामिल अत्यधिक लोगों की पहचान हुई है. जानकारी के अनुसार RRB प्रोटेस्ट में शामिल अत्यधिक लोग अग्निपथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल टावर के डम्प नंबरों से इसकी पुष्टि होती है.

700 नंबरों को ट्रेस करने में जुटी पुलिस :पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल टॉवर के करीब 700 डंप डाटा लिया गया है, जो प्रदर्शन के दौरान पटना जिला में प्रदर्शन के दौरान एक्टिव था. यह 700 वैसे नंबर हैं जो RRB प्रोटेस्ट के दौरान पटना, समस्तीपुर, गया, जहानाबाद समेत दूसरे जिलों में सक्रिय था. अब इन नंबरों की जांच कर सम्बंधित मास्टरमाइंड तक पहुंचने की तैयारी में बिहार पुलिस जुटी है.

'अग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना :आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme) केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details