पटनाः शिक्षा विभाग ने बिहार के शिक्षा सेवा से जुड़े अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. अब उनके लिए प्रोफेशन अवधि में बीएड की ट्रेनिंग लेना जरूरी नहीं होगा. वहीं विद्यालय शिक्षक और कर्मचारी शिकायत निवारण नियमावली के अंतर्गत राज्य के सभी 38 जिलों में कार्यरत अपीलीय प्राधिकार के 58 प्राचीन प्राधिकारी 31 दिसंबर तक कार्यरत रहेंगे.
शिक्षा सेवा से जुड़े अधिकारियों को बड़ी राहत
शिक्षा विभाग ने बिहार शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए बिहार शिक्षा सेवा नियमावली 2020 लागू किया है. पहले अधिकारियों को 2 साल के प्रोफेशन पीरियड में विभिन्न ट्रेनिंग के साथ ही बीएड कोर्स करना अनिवार्य किया गया था. लेकिन अब शिक्षा विभाग ने बिहार शिक्षा सेवा के प्रशासनिक अधिकारियों की मांग को देखते हुए फैसला किया है कि इन्हें 2 साल का शिक्षा विभाग कोर्स करना अनिवार्य नहीं होगा. इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने एक और बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत अब 58 पीठासीन पदाधिकारियों का कार्यकाल 31 दिसंबर तक रहेगा, जो जिला अपीलीय प्राधिकार से जुड़े हैं.
बिहार शिक्षा सेवा नियमावली संशोधन
शिक्षा विभाग ने इसे लेकर एक संकल्प जारी किया है. जिसके तहत सभी 38 जिला अपीलीय प्राधिकार में 76 पद सृजित किए गए हैं. लेकिन नई नियुक्ति होने में काफी वक्त लगेगा. इसे देखते हुए जिला अपीलीय प्राधिकार के 58 पीठासीन पदाधिकारियों का कार्यकाल 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है. जिला अपीलीय प्राधिकार में दो पदाधिकारी होते हैं. इसमें एक न्यायिक सेवा के रिटायर्ड ऑफिसर होते हैं, जबकि दूसरे बिहार प्रशासनिक सेवा या बिहार शिक्षा सेवा के रिटायर्ड ऑफिसर होते हैं. उनका कार्यकाल 5 साल है और अधिकतम उम्र सीमा 70 वर्ष है. अपीलीय प्राधिकार में बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक और कर्मचारी शिकायत निवारण नियमावली के तहत सुनवाई होती है.