संतोष सुमन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम पटनाः शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि शिक्षा मंत्री का जिस तरह का व्यवहार है वो सर्वविदित है. उन्होंने कहा शिक्षा मंत्री के पत्र से लगता है कि विभाग उनसे संभल नहीं रहा है. वे अपने विभाग पर कम ध्यान देते हैं और मीडिया में बने रहने के लिए बाहर कुछ से कुछ बोलते रहते हैं. उन्हें शिक्षा विभाग से कोई मतलब नहीं है.
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"किसी अधिकारी के विरोध में शिक्षा मंत्री पीत पत्र लिखते हैं. विभाग में मंत्री अलग आदेश देते हैं. अपर मुख्य सचिव अलग आदेश देते हैं. कभी भी ऐसी स्थिति नहीं देखे होंगे. आप खुद देखिए कितना ज्यादा टकराव मंत्री और अधिकारी में हो गया है और मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. जबसे नीतीश कुमार महागठबंधन में गए हैं प्रशासन पर उनकी पकड़ ढीली हुई है."- संतोष सुमन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम
शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करेंः संतोष सुमन ने कहा कि ऐसे शिक्षा मंत्री के रहने से कभी भी बिहार में शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो सकता है. ये बात नीतीश कुमार भी जानते हैं इसके बाद भी कोई कार्यवाही नही करते हैं. ऐसे शिक्षा मंत्री को मुख्यमंत्री को फौरन बर्खास्त करना चाहिए. संतोष सुमन ने कहा कि अभी जो माहौल है राजद लगातार मुख्यमंत्रीपर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर दबाव दे रहा है.
नीतीश कुमार प्रेशर में हैं:ये सब कुछ साफ दिख रहा है नीतीश कुमार प्रेशर में हैं. राजद के दवाब में आकर ऐसे मंत्री जो ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहे हैं उस पर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस को लेकर शिक्षा मंत्री ने क्या बयान दिया था. अभी शिक्षक की मांग को लेकर वो क्या बोल रहे हैं सब कुछ सामने हैं. विद्यालय की क्या व्यवस्था है इस पर नजर नहीं है, सिर्फ बयान देकर मीडिया में बने रहना उनकी फितरत है.
केके पाठक और शिक्षा मंत्री में ठनी:शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभागीय अपर सचिव के बीच ठनी हुई है. चंद्रशेखर अपने विभाग के अधिकारी की कार्यशैली से नाराज हैं. उन्होंने केके पाठक को पीत पत्र भेजा है. साथ ही विभाग के निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भी पीत पत्र भेजा है. पत्र में लिखा है कि सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं हो रहा है. राजपत्रित अधिकारियों को उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं. इस तरह की कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है.
क्यों हो रहा हंगामा:दरअसल केके पाठक की नई गाइडलाइन को लेकर विरोध हो रहा है. महादलित टोलों के शिक्षकों में इसको लेकर नाराजगी है. नई गाइडलाइन के अनुसार अगर महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित बच्चों को पढ़ाते हैं, बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी नहीं रही तो उनके वेतन में कटौती का प्रावधान किया गया है.