पटना: बिहार के शिक्षा मंत्रीप्रोफेसर चंद्रशेखर ने अजीब बयान दिया है. सोमवार को उन्होंने कहा कि बिहार में लाखों बहाली होने वाली है, महीनों लग सकते हैं. सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पहुंचे चंद्रशेखर ने कहा कि पहली दिल्ली से जो सोलह करोड़ बहाली होनी थी, उसे खोजिए. चौड़ी छाती वाले, 56 इंच वाले ने प्रति वर्ष दो करोड़ जॉब देने की बात कही थी. आठ साल में, वो कहां है ?
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'16 करोड़ जॉब देने वालों से पूछिए' : शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री स्वाधीनता दिवस पर कह चुके हैं, तेजस्वी यादव का भी इस बात पर पूरा ध्यान है. चंद्रशेखर ने कहा कि हमें तो नौकरी देनी ही है और उसकी प्रक्रिया भी चल रही है. लेकिन जिन्होंने 16 करोड़ जॉब देने की बात कही थी, उनसे आप लोग सवाल नहीं कर रहे हैं.
"दिल्ली से जो सोलह करोड़ की बहाली होनी थी, उसे खोजिए. चौड़ी छाती वाले, 56 इंच वाले ने प्रति वर्ष दो करोड़ जॉब देने की बात कही थी. आठ साल में, वो कहां है?"- प्रोफेसर चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
अभी नहीं पूरा होगा वादाःदरअसल बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश ने स्वाधीनता दिवस के दिन 20 लाख नौकरी देने की बात कही थी. इससे पहले तेजस्वी यादव ने भी चुनाव के समय 10 लाख नौकरी का वादा किया था. लेकिन ये वादा आज भी वादा ही और बिहार के युवा नौकरी के इंतजार में पलके बिछाएं है. ये लोग कई बार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन और धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं, नई सरकार में पुलिस की लाठियां तक खानी पड़ी हैं. लेकिन नौकरी का सवाल जस का तस बना हुआ है. अब शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने अपने बयान से छात्रों की परेशानी और बढ़ा दी है. जो नई सरकार से कुछ बड़ी उम्मीद लगाए थे अब उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
10 लाख को नौकरी वादा पूरा करना नहीं आसान: आपको बता दें कि बिहार सरकार ने वेतनमान में 64788 करोड़ का वित्तीय वर्ष में प्रावधान किया है तो वही पेंशन मद में 24252 करोड़ रुपये साल में खर्च करेगी. कुल मिलाकर देखें 89 हजार करोड़ से अधिक वेतन और पेंशन मद में सरकार ने बजट में प्रावधान किया है लेकिन 10 लाख नौकरी सरकार देती है तो यह बजट काफी बढ़ जाएगा. जानकार कहते हैं कि 1 साल में सरकार बहुत से बहुत एक से दो लाख नौकरी ही उपलब्ध करा सकेगी. इस पर भी सरकार का 15000 करोड़ से अधिक सलाना बजट बढ़ेगा. अभी कई विभागों में समय पर वेतन देना भी सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है.ऐसे में नई नौकरियों से सरकार की मुश्किलें और बढ़ेगी.