पटना:छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Shikshak Niyojan) में जिन अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, उनके सर्टिफिकेट की जांच 31 अक्टूबर तक हो जाएगी. शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को जांच का निर्देश दिया है. इसके पहले जो पत्र शिक्षा विभाग ने जारी किया था, उसमें कोई समय सीमा नहीं दी गई थी. ईटीवी भारत ने इस मामले में अभ्यर्थियों की परेशानी बयां की थी. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने आज समय सीमा निर्धारित कर दी है.
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छठे चरण के शिक्षक नियोजन में चयनित अभ्यर्थियों की परेशानी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखायी थी. अभ्यर्थियों ने कहा था कि शिक्षा विभाग जिस तरीके से सर्टिफिकेट की जांच का आदेश दे रहा है, उसमें काफी वक्त लग सकता है. क्योंकि पहले भी फर्जी शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी नहीं हो पाई. इसलिए शिक्षा विभाग को समय सीमा तय करनी चाहिए, ताकि चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच जल्द से जल्द हो सके और उन्हें नियुक्ति पत्र मिल सके.
सोमवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने सभी जिलों को जारी निर्देश में कहा है कि चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट 31 अक्टूबर तक हर हाल में जांच हो जानी चाहिए. छठे चरण में 90,762 प्राथमिक शिक्षकों के पद पर नियोजन हो रहा है. जिसमें पहले और दूसरे राउंड की काउंसलिंग में 38 हजार अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है. अगले राउंड की काउंसलिंग को लेकर अभ्यर्थी सरकार से जल्द से जल्द डेट जारी करने की मांग कर रहे हैं.
शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग प्रारंभिक स्कूलों में छठे चरण के शिक्षकों की नियुक्ति और छठे चरण के माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति को तार्किक तरीके से जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि सिर्फ बहाली करना ही शिक्षा विभाग का एकमात्र काम नहीं है.
'सरकार ने सर्टिफिकेट जांच की समय सीमा तय कर दी है. यह खुशी की बात है. लेकिन अगले राउंड की बची हुई सीट पर काउंसलिंग को लेकर अब तक हम सबके बीच संशय की स्थिति है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने एक ट्वीट किया है. जिसमें जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की बात कही गई है. लेकिन हमारा निवेदन है कि जल्द से जल्द बची हुई सीटों पर काउंसलिंग कराई जाए. पूरे बिहार में सभी नियोजन इकाइयों में कम से कम 2 बार काउंसलिंग जरूर कराई जाए.'-पप्पू कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, एनआईओएस डी एलएड शिक्षक संघ
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