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शिक्षा विभाग ने स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों को दिलाई याद, हर दिन 33% अटेंडेंस है जरूरी - शिक्षकों को बारी-बारी से हर दिन अटेंडेंस बनाना जरूरी

बिहार सरकार ने छात्रों के लिए सरकारी और निजी स्कूल के साथ कॉलेज को 15 मई तक बंद रखने का निर्देश दिया है. लेकिन कई जिलों में स्कूल और कॉलेज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. वहां पर कोई भी शिक्षक या शिकेत्तर कर्मी नहीं जा रहे हैं. इसी वजह से शिक्षा विभाग ने एक लेटर जारी कर स्कूल-कॉलेज में शिक्षकों की 33 फीसदी हाजिरी जरूरी कर दिया है.

Education Department wrote a letter to DEO and DM regarding the presence of teachers
Education Department wrote a letter to DEO and DM regarding the presence of teachers

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Published : Apr 22, 2021, 10:51 PM IST

पटना:कोरोना संक्रमण की वजह से बिहार में तमाम सरकारी और निजी स्कूल के साथ कॉलेज 15 मई तक बंद हैं. इस दौरान सभी क्लासेस सिर्फ ऑनलाइन चलाने की अनुमति दी गई है. हालांकि शिक्षा विभाग ने गुरुवार को एक पत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि स्कूल-कॉलेज में शिक्षकों की 33 फीसदी हाजिरी जरूरी है.

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इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि 15 मई तक प्रारंभिक विद्यालयों में जहां 2 शिक्षक हैं, वहां बारी-बारी से शिक्षक हर दिन विद्यालय में उपस्थित रहेंगे और जहां दो से ज्यादा शिक्षक पदस्थापित हैं, वहां प्रतिदिन बारी-बारी से 35 फीसदी शिक्षक उपस्थित रहेंगे.

स्कूल और कॉलेजों के लिए निर्देश जारी
मध्य विद्यालय, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के बारे में यह कहा गया है कि वहां प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे, जबकि बाकी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी बारी-बारी से हर दिन 33 फीसदी उपस्थित रहेंगे. वहीं, यूनिवर्सिटी और कॉलेज के बारे में यह स्पष्ट किया गया है कि एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और उनके समकक्ष सभी पदाधिकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे, जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर और उनके समकक्ष पदाधिकारी और उनसे नीचे के सभी पदाधिकारी बारी-बारी से 33 फीसदी उपस्थित रहेंगे.

33 फीसदी शिक्षकों को बारी-बारी से हर दिन अटेंडेंस बनाना जरूरी
दरअसल शिक्षा विभाग को यह जानकारी मिल रही थी कि गृह विभाग की ओर से 17 अप्रैल को जारी आदेश के कारण कई जिलों में स्कूलों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. वहां कोई भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मी उपस्थित नहीं हो रहे हैं. इस बारे में शिक्षा विभाग ने 18 अप्रैल के बाद कोई आदेश जारी नहीं किया था. माना जा रहा है कि इसी कारण से शिक्षा विभाग ने अब यह पत्र जारी करके स्पष्ट किया है कि 33 फीसदी शिक्षकों को बारी-बारी से हर दिन अटेंडेंस बनाना जरूरी है.

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