पटना:बिहार में प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश (Director of Primary Education Ravi Prakash) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है. इस आदेश के साथ ही ऐसे शिक्षकों को आगाह किया गया है जो सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड करने में असफल रहे हैं. शिक्षा विभाग ने अपना रुख सख्त करते हुए कहा है कि ऐसे शिक्षकों कि नौकरी जाएगी और वेतन मद में भुगतान की गई राशि की वापस वसूली भी होगी. बावजूद इसके संबंधित शिक्षकों ने सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अभी तक अपलोड नहीं किया है.
Bihar Niyojit Teacher : जिन नियोजित शिक्षकों ने पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किया, उनकी जा सकती है नौकरी
बिहार में नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच की प्रक्रिया (Certificate Verification of Employed Teachers) के लिए उन्हे इसे शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था. हालांकि कि जिन शिक्षकों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है उनके लिए शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है. शिक्षकों को लेकर अपना रुख सख्त करते हुए उनकी सूची अब निगरानी विभाग को सौंपी जाएगी. आगे पढ़ें पूरी खबर...
निगरानी विभाग को दी जाएगी लिस्ट: बता दें कि ऐसे शिक्षकों कि सूची जिले में निगरानी के नामित अफसरों को दी जाएगी, ताकि जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. यह जांच पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में चल रही है. शिक्षा विभाग के मुताबिक, वर्ष 2006 से 2015 तक बहाल हुए तीन लाख 12 हजार 180 शिक्षकों की जांच विजिलेंस टीम कर रही है.
शिक्षा विभाग की बैठक: 25 जनवरी को निगरानी के अफसरों के साथ शिक्षा विभाग की बैठक है. इस बैठक में संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा. 25 जनवरी को होगी बैठक इनमें 89 हजार 874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फोल्डर नियोजन इकाइयों से जांच के लिए विजिलेंस टीम को नहीं मिले हैं. ऐसे शिक्षकों को 23 नवंबर 2022 को निर्देश दिया गया था कि अपने सर्टिफिकेट को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर सुनिश्चित करें.