पटना: बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए नई सेवा शर्त नियमावली में प्रवाधानित अध्ययन अवकाश (एक्सटेंडेड स्टडी लीव) के लिए शिक्षा विभाग ने विस्तृत गाइडलाइन जारी किए हैं. शिक्षा विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि अध्ययन अवकाश का उद्देश्य शिक्षक-पुस्तकालयाध्यक्ष को बेहतर सेवा का विकल्प मुहैया कराने के साथ-साथ उनका ज्ञान संवर्धन और उसका उपयोग कक्षा संचालन में किया जाना है.
नई गाइडलाइन के अनुसार, सेवा अवधि में अधिकतम 3 वर्ष के लिए अवैतनिक अध्ययन अवकाश (अनपेड स्टडी लीव) मिलेगा. इस अवकाश की अवधि को सेवा में टूट नहीं माना जाएगा. साथ ही यह अवकाश योगदान के 3 वर्ष की न्यूनतम अवधि पूर्ण करने के बाद ही देय होगा. अध्ययन अवकाश के बाद नियत अवधि तक शिक्षक-पुस्तकालयध्यक्ष को कार्य करना होगा. प्रधान अध्यापक को भी यह अवकाश देय होगा.
अवकाश के लिए पात्रता
शिक्षा विभाग की अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि अध्ययन अवकाश वैसे शिक्षकों को मिलेगा जिन पर कोई अनुशासनिक कार्यवाही लंबित नहीं हो या निलंबित नहीं हो. जिनके प्रमाण पत्र की जांच सक्षम स्तर से सही पाई गई हो. आवेदन देने की निर्धारित तिथि और संबंधित शिक्षक या पुस्तकालयाध्यक्ष का वेतन भुगतान हो चुका हो अथवा वेतन भुगतान हेतु पात्र हों.
अध्ययन अवकाश के लिए पाठ्यक्रम
माध्यमिक शिक्षक विषय के शिक्षकों से संबंधित विषय में स्नातकोत्तर और पीएचडी, उच्च माध्यमिक शिक्षक से संबंधित विषय में पीएचडी. वहीं बीएड करने के लिए अध्ययन अवकाश मान्य नहीं होगा.
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