पटना:कोरोना वायरस से जंग में पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर अहम योगदान दे रहा है. आपात स्थिति से निपटने के लिए रिकार्ड समय में 269 कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलने का काम पूरा हो गया है. कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों को गति देने के लिए भारतीय रेलवे ने यात्री कोचों को क्वारंटाइन/आसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित करने का फैसला लिया था.
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा पूर्व मध्य रेल को 10 अप्रैल तक 269 सवारी कोचों को आइसोलेशन कोच में बदलने की जिम्मेवारी दी गई थी, जिसे अब पूरा कर लिया गया है. इसी कड़ी में रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करते हुए चिकित्सा उपकरणयुक्त इन कोचों को क्वारंटाइन/आइसोलेशन कोच में बदला गया है.
कोरोना से जंग में भारतीय रेलवे का योगदान
कोविड-19 मरीज के लिए हर एक कोच में 16 बर्थ हैं. इस तरह से कोरोना वायरस से संक्रमित अथवा संदेहास्पद मरीजों के लिए कुल 4304 बर्थ उपलब्ध कराए गए हैं. 20 कोच वाले एक ट्रेन में 17 आइसोलेशन कोच, चिकित्सकों तथा अन्य कर्मियों के लिए 1 वातानुकूलित कोच और दो एसएलआर के कोच लगेंगे. इन कोचों का उपयोग भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय या केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उनके दिशा-निर्देश में किया जाएगा.
समय पर पूरा हुआ लक्ष्य
राजेश कुमार ने कहा कि पूर्व मध्य रेल के विभिन्न मंडलों को अलग-अलग संख्या में सवारी कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित करने का लक्ष्य दिया गया था. पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर मंडल द्वारा 38, धनबाद मंडल द्वारा 40, दानापुर मंडल द्वारा 55, सोनपुर मंडल द्वारा 40, समस्तीपुर मंडल द्वारा 56 तथा सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना, हरनौत द्वारा 40 कोचों को आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित किया गया.
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने दी जानकारी
इन आइसोलेशन कोचों में सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे के इन प्रयासों से न केवल कोरोना वायरस से लड़ाई में मजबूती आएगी बल्कि वायरस से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों को भी बल मिलेगा.