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Earthquake in Bihar: बिहार में भूकंप के तेज झटके, पटना समेत कई जिलों में हिली धरती, घरों से बाहर निकले लोग - Nepal Earthquake

Earthquake in Bihar बिहार के पटना में एक बार फिर से धरती हिली है. लोग एहतियातन घरों से बाहर निकल आए. इससे पहले भी 3 नवंबर को बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. जिसका एपिक सेंटर नेपाल था.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 6, 2023, 4:28 PM IST

Updated : Nov 6, 2023, 5:11 PM IST

पटना में फिर हिली धरती

पटना : बिहार की राजधानी पटना में भूकंप के तेज झटके से लोग दहल उठे. एक बार फिर आए भूकंप से लोग घरों से बाहर निकल आए. बता दें कि 72 घंटे के अंदर ये दूसरी बार है जब पटना में भूकंप आया है. फिलहाल खबर मिलने तक किसी तरह के कोई जानमाल के नुकासान की खबर नहीं है.

नेपाल में था भूकंप का एपिसेंटर : नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) का कहना है कि नेपाल में आज शाम 16:16 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.6 तीव्रता का भूकंप आया. नेपाल से सटे होने के कारण बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. गौरतलब है कि तीन नवंबर की देर रात में भी नेपाल में ही इसका केंद्र था.

''हम कुर्सी पर बैठे हुए थे. अचानक से धरती डोलने लगी. पूरा ऑफिस का सामान इधर-उधर खिसक रहा था. पूरा ऑफिस हिल रहा था. एक से दो सेकेंड तक महसूस हुआ.'' - फिरोज खान, निवासी, पटना

बिहार के 8 जिले संवेदनशील: बता दें कि बिहार में 38 में से 8 जिले भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील हैं. ये जिले हिमालय और नेपाल से सटे हुए हैं. अक्सर जब भूकंप आता है तो सबसे ज्यादा असर इन्हीं 8 जिलों पर ज्यादा होता है. नेपाल से जुड़े होने की वजह से अररिया, मधुबनी, रक्सौल सीतामढ़ी और किशनगंज में भूकंप आने की अधिकता ज्यादा है. यह अतिसंवेदनशील इलाके हैं. फिलहाल इस भूकंप का केंद्र नेपाल होने की वजह से बिहार में उतना असर देखने को नहीं मिल रहा है. पिछली बार नेपाल में आए भूकंप से 128 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

ईटीवी भारत GFX.

नेपाल में शुक्रवार को आया था भूकंप: बता दें कि पड़ोसी देश नेपाल में 3 नवंबर को भूकंप के तेज झटके दो बार महसूस किए गए थे. इसकी करीब 128 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई थी. नेपाल से सटे होने के कारण भूकंप के झटके बिहार के लोगों ने भी महसूस किए थे.

क्या करें जब भूकंप आए :जब भी भूकंप आए तो जितनी जल्दी हो सके खुले में चले जाएं. बिजली के तारों से दूरी बनाकर रखें. ऊंची इमारतों से नीचे आते वक्त लिफ्ट का इस्तेमाल न करें. सीढ़ी से ही नीचे भागें और हो सकें तो सभी लोगों को अपने साथ लेते हुए बाहर जाएं. जो लोग घर से बाहर नहीं निकल सकते वो किसी ठोस आधार के नीचे खड़े हो जाएं. वैसे कोशिश यही हो कि घर से बाहर निकल आएं.

भूकंप के दृष्टिकोण से बिहार कितना संवेदनशील? : बार-बार धरती हिल रही है को सवाल उठ रहे हैं कि बिहार भूकंप के लिए कितना संवेदनशील है. भूगर्भ वैज्ञानिकों की मानें तो पृथ्वी की संरचना के अनुसार पृथ्वी के कई इलाके भूकंप की दृष्टिकोण से संवेदनशील हैं. हिमालय के इलाके हैं वो संवेदनशील हैं. चूंकि बिहार नेपाल के साथ सटा हुआ है और हिमालय से नजदीक है इसलिए यह संवेदनशील है.

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1934 में बिहार में भूकंप ने मचाई तबाही: सोमवार को एक बार फिर भूकंप के झटकों ने बिहार के लोगों को 15 जनवरी, 1934 की याद दिला दी. दरअसल, 1934 में दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर बिहार में भूकंप ने तबाही मचाई थी, सैकड़ों मकान जमींदोज हो गए थे. एक झटके में हजारो जानें चली गी थी. भूकंप की तीव्रता 8.4 मांपी गई थी. हालांकि सरकारी आंकड़ों में 7,253 लोगों की मौत हुई थी.

Last Updated : Nov 6, 2023, 5:11 PM IST

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