बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पटना: दीपावली पर मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग, कुम्हारों को मुनाफे की जगी आस

दीपों का त्योहार दीपावली नजदीक है. ऐसे में घर को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीयों की भारी मांग है. वहीं, कुम्हार एक बार फिर से नई उम्मीदों के साथ दीये बनाने के कार्य में जुट गए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Earthen lamps increased demand for Diwali In Patna
Earthen lamps increased demand for Diwali In Patna

By

Published : Oct 28, 2021, 1:01 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 1:36 PM IST

पटना:दीपावली(Diwali) को रौशनी और दीयों का त्यौहार कहा जाता है. इस दिन हर तरफ दीये, कैंडल और रंग बिरंगी लाइटों की जगमगाहट देखने को मिलती है. ऐसे में हर साल की तरह इस बार भी लोग मिट्टी के दीयों (Earthen Lamps) को तरजीह दे रहे हैं. अमीर हो या गरीब कार्तिक मास के अमावस की रात में इससे सबों का घर दीयों से रौशन होता है. लेकिन राजधानी पटना में इक्के-दुक्के कुम्हारों के परिवार दीया बनाने का कार्य कर रहे है.

यह भी पढ़ें -पटना समेत चार जिलों में नहीं बिकेंगे पटाखे, आतिशबाजी की तो होगी कार्रवाई

दीपावली प्रकाश का पर्व है. इस पावन पर्व पर प्राचीन काल से ही दीप जलाने का कार्य किया जा रहा है. वहीं, इस बार दीपावली को पूरी तरह से स्वदेशी बनाने की तैयारी की जा रही है. दिये से लेकर पटाखों तक, सब कुछ स्वदेशी रहने वाला है. बिहार में दीपावली के त्योहार को लेकर घर को रोशन करने के लिए मिट्टी के बने दीये की भारी मांग देखी जा रही है. हालांकि, दीपावली का पर्व निकट आते ही कुम्हार एक बार फिर से नई उम्मीदों के साथ दिये बनाने के कार्य में जुट गए हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि दीपावली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे कुम्हार अपने चाक को रफ्तार देने का काम करते नजर आ रहे हैं. दीपों के पर्व दीपावली को लेकर बड़ी संख्या में कुछ कुम्हारों के परिवार मिट्टी के दीए बनाने के कार्य में जुटे हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में कुछ पुरानी पीढ़ी के लोग इस परंपरागत रोजगार को बचाए हुए हैं. वैसे कुम्हार कहते हैं कि अब इस कार्य में आने से उनके घर के युवाओं को असहजता महसूस होती है. क्योंकि मिट्टी के काम में ज्यादा मुनाफा नहीं है.

हालांकि, इस वर्ष संक्रमण के स्तर में आई कमी के बाद एक बार फिर से मिट्टी के दीयों के बाजार के गुलजार होने की उम्मीद है. इसी आस में वह अपने परंपरागत कार्य में जुटे हुए है. वहीं इन मिट्टी के दीए को खरीदने आने वाले लोग कहते है कि चाइनीज बाजार के कारण धीरे-धीरे लोगों में मिट्टी के दीया सुरुचि घटती जा रही है. लोगों को चाहिए कि वह अपने त्योहारों को परंपरागत ढंग से मनाए और ऐसे में लोगों को भी बढ़-चढ़कर मिट्टी के दीयों की खरीद दीपावली के मौके पर करनी चाहिए. जिससे मिट्टी के कार्य में जुटे इन कुम्हारों के जीवन में खुशहाली आए.

गौरतलब है कि, दीपावली आगामी 4 नवंबर को मनाई जाएगी. इस मौके पर लोग अपने घर और आंगन को सजाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. वहीं, इस रोजगार से जुड़े हुए कुम्हार भी बताते हैं कि लोगों का अब चाइनीस लाइटों से मोहभंग हुआ है और धीरे-धीरे अब लोग मिट्टी के दीए की खरीद कर रहे हैं. आने वाले वक्त में बाजार और गुलजार होने की उम्मीद है. पटना के बुद्धा कोनी थाना क्षेत्र के कुम्हार टोली में दियो का निर्माण कर रहे रामा शंकर पंडित बताते हैं कि अभी दीपावली में थोड़ा समय है. उन्हें भी इंतजार है एक बार फिर से मिट्टी के दीयों का बाजार गुलजार हो.

यह भी पढ़ें -दिवाली-छठ पर महंगा हुआ हवाई टिकट, बिहार आने के लिए चुकाना होगा दो से ढाई गुना ज्यादा दाम

Last Updated : Oct 28, 2021, 1:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details