पटना: कोरोना के कारण सभी चीजें अस्त-व्यस्त हो गई हैं. हर तरफ कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. बात करें अगर पूजा-पाठ की तो इस पर भी काफी गहरा असर पड़ा है. अक्टूबर माह में दशहरा पूजा शुरू हो रही है. प्रतिवर्ष दशहरा के एक दो महीने पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती थी. लेकिन कोरोना के कहर ने पूजा को लेकर होने वाली तैयारियों को फीका कर दिया है.
दुर्गा पूजा पर कोरोना का 'काला साया', बिना पंडाल व मूर्ति के सादगी से होगी पूजा
देश सहित राज्य में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा. पूजा समिति के लोगों ने बताया कि इस वर्ष भव्य तरीके से पूजा-पाठ नहीं होगा और ना ही पूजा पंडाल बनाया जाएगा. वहीं, पटना डाकबंगला के पूजा समिति के सदस्य ने बताया कि इस वर्ष केवल कलश स्थापन किया जाएगा और माता की एक छोटी सी प्रतिमा लगाकर पूजा की जाएगी.
दशहरा को लेकर सिंतबर से ही पंडाल और मूर्ति निर्माण का कार्य शुरु हो जाता था. लोगों को कुछ ना कुछ हर बार नया और अलग देखने को मिलता था. लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता ने पूजा समिति के लोगों से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं मिला हैं. इस कारण अभी तक तैयारी शुरू नहीं हुई है.
कोरोना संक्रमण के कारण पूजा-पाठ प्रभावित
देश सहित राज्य में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा. पूजा समिति के लोगों ने बताया कि इस वर्ष भव्य तरीके से पूजा-पाठ नहीं होगा और ना ही पूजा पंडाल बनाया जाएगा. वहीं, पटना डाकबंगला के पूजा समिति के सदस्य ने बताया कि इस वर्ष केवल कलश स्थापन किया जाएगा और माता की एक छोटी सी प्रतिमा लगाकर पूजा किया जाएगा. क्योंकि अगर भव्य आयोजन किया गया तो कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है. सरकार ने भी कोई गाइडलाइंस नहीं दिया है. इसलिए इस वर्ष बेहद ही सादगी से शांतिपूर्ण तरीके से पूरे विधि-विधान से पूजा की जाएगी.