पटना:हर साल मई महीने के आखिरी और जून की शुरुआत में ही बिहार के बाजारों में आम आना शुरू हो जाते हैं. लेकिन, बिहार में आम पर इस साल मौसम की ऐसी मार पड़ी है कि आम की मिठास कम हो गई और पल्प (गूदा) भी कम है. गूदा कम होने का सबसे बड़ा कारण आम का आकार छोटा होना है. इसके पिछे जलवायु परिवर्तन को (Effects Of Climate Change On Mango) माना जा रहा है, जिस वजह से इस बार आम के मिठास में भी कमी देखी जा रही है.
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तापमान में बढ़ोतरी.. इसलिए आम पकने में देरी :डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर) के सह निदेशक, अनुसंधान और प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फल) प्रोफेसर एसके सिंह ने बताया कि यह जलवायु परिवर्तन का असर है. उन्होंने कहा, आमतौर पर मई में हवा में नमी की मात्रा कम होने और तापमान 32 से 38 डिग्री की बजाय 42 डिग्री तक पहुंच जाने से आम के फल का विकास रुक गया है.
''तापमान बढ़ने से आम का आकार छोटा हो गया और मिठास भी कम है. इस बार मंजर के समय बारिश हुई और बाद में तापमान बढ़ गया. जब आम पकने का समय आया तो तापमान सामान्य से अधिक हो गया. इससे आम की गुणवत्ता पर असर पड़ा है.''- प्रोफेसर एसके सिंह, सह निदेशक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा