पटना: केंद्र सरकार के द्वारा लाए गएहिट एंड रन के नए कानून का विरोध फिलहाल खत्म हो गया है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच मंगलवार को हुई बातचीत सफल रही. सरकार ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल कानून लागू नहीं किया जाएगा, जिसके बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा भी कर दी गई. लेकिन पटना में ड्राइवर एकजुट होकर कर विरोध अब भी कर रहे हैं. आपातकालीन सेवा वाली गाड़ियों को बंद कर दिया है,जिससे अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.
पटना में आपातकाल सेवा ठप:राजधानी पटना के अधिकांश पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं होने के कारण पेट्रोल पंप को बंद कर दिया गया है. दूध डेयरी में दूध नहीं पहुंचने से आम लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है. ड्राइवर सुशील ने कहा कि सरकार ने जो कानून बनाया है वो हमलोगों के लिये काला कानून है.हम मांग करते हैं कि पहले वाला नियम ही लागू हो.
"करो या मरो की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस कानून के लागू होने पर ड्राइवर के सभी परिवार गलत कार्य करने पर मजबूर हो जायेंगे, जहां उनका जीवन नर्क बन जायेगा. 10 साल की सजा 7 लाख का जुर्माना कहां से देंगे. पैसा होता तो गाड़ी चलाते. 10 साल की सजा होगी तो मेरा परिवार रोड पर आ जाएगा."- सुशील कुमार, मालवाहक ड्राइवर
क्या है अभी का नियम: हिट एंड रन मामले में IPC की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (जान जोखिम में डालना) और 304A (लापरवाही के कारण मौत) के तहत केस दर्ज किया जाता है. इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है. खास मामलों में IPC की धारा 302 भी जोड़ी जाती है.