पटना:राजधानी पटना स्थित बिहार आर्ट थियेटर में तीन दिवसीय प्रेम नाथ खन्ना स्मृति आदिशक्ति नाट्य महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसके दूसरे दिन गुरुकुल के कलाकारों ने गुंजन कुमार के निर्देशन में नाटक कसाई का मंचन किया.
नाटक में यह दिखाया गया है कि किस तरीके से नई पीढ़ी के द्वारा अपने फैसले को अपने माता-पिता के अनुभव से ज्यादा बेहतर मान कर अपने मन मुताबिक करते है. कार्य करने से जीवन में आगे बढ़ने पर दुष्परिणाम भुगतने का भयानक चित्र प्रस्तुत करता है. इस नाटक में रिश्तों के दरमियां अभाव और इंसानियत के पतन का चित्रण किया गया है.
नाटक 'कसाई' का मंचन
नाटक में नादान पूजा असलम के प्रेम जाल में फस जाती है और अपने मां-बाप से बगावत कर जाति धर्म मजहब की सरहदों को लाघकर शादी कर लेती है. बदलते समय के साथ असलम का उत्साह छिन होता जाता है. बेरोजगारी का दंश चलता और गलत राह पर चलने वाला असलम दिनोंदिन पतन के गर्त में गिरता जाता है.