पटना:कोरोना के मरीजों की संख्या में राज्य में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं राज्य में कोविड-19 का टेस्ट लगातार सवालों के घेरे में रहा है. देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में कोरोना टेस्टिंग का दर काफी कम है. लेकिन राज्य में हाल के दिनों में टेस्टिंग बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है.
टेस्टिंग बढ़ाने के लिए रैपिड एंटीजन किट का सहारा लिया जा रहा है. ईटीवी भारत से पीएमसीएच में रैपिड एंटीजन टेस्ट के प्रभारी चिकित्सक डॉ. राणा एनके सिंह ने इस बारे में विशेष बातचीत की.
2 मिनट में आती है जांच रिपोर्ट
डॉ. राणा एनके सिंह ने बताया कि रैपिड एंटीजन किट से 2 मिनट में कोरोना की जांच रिपोर्ट आ जाती है. इस किट से जांच में अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो इसका मतलब यह है कि वह रिपोर्ट पॉजिटिव है और अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो इसका वैल्यू कम है और इसे संदेह के दायरे में रखा जाता है. उन्होंने कहा कि जो एसिंप्टोमेटिक है और उसकी रिपोर्ट नेगेटिव है तो उसे नेगेटिव माना जाता है लेकिन जो सिंप्टोमेटिक है और उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है तो उसका फिर आरटी पीसीआर टेस्ट कराया जाता है. उन्होंने बताया कि इस किट से 60 फ़ीसदी निगेटिव मामले सही होते हैं, लेकिन कुछ नेगेटिव रिपोर्ट संदेह के दायरे में रहते हैं.
इलाज में होती थी देरी
डॉ. राणा एनके सिंह ने कहा कि पीएमसीएच में रैपिड एंटीजन कीट से कोरोना टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध हुई है और यह सुविधा जबसे उपलब्ध हुई है. इससे कोरोना जांच काफी आसान हुई है. पीएमसीएच में आने वाले मरीजों को काफी राहत मिली है क्योंकि रिपोर्ट तुरंत बता दी जाती है. उन्होंने बताया कि पहले रिपोर्ट आने में दो-तीन दिन लग जाता था इससे मरीज की कठिनाई बढ़ जाती थी और इलाज में भी देरी होती थी. उन्होंने बताया कि पीसीआर टेस्टिंग की रिपोर्ट आने में इसलिए भी देरी होती थी कि पीएमसीएच में चार जिलों का सैंपल जांच के लिए आता था और सैंपल का लोड काफी होता था. उन्होंने बताया कि अब सीरियस मरीज का रैपिड एंटीजन किट से जांच होता है और तुरंत उन्हें रिपोर्ट बता आगे की कार्रवाई के लिए एडमिट किया जाता है.
इलाज में काफी सहूलियत
डॉ राणा एनके सिंह ने बताया कि पहले पीएमसीएच में यह सुविधा नहीं थी मगर पिछले दो-तीन दिनों से जब से अस्पताल के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड में कोविड-19 केयर सेंटर खुला है तब से एंटीजन किट से जिस सिंप्टोमेटिक पेशेंट का रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहा है उसे केयर सेंटर में एडमिट किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले अगर किसी पेशेंट का रिपोर्ट पॉजिटिव आता था तो उसे एनएमसीएच या फिर एम्स में रेफर करना पड़ता था और वहां उसे एडमिट होने में काफी दिक्कत होती थी मगर पीएमसीएच में केयर सेंटर की सुविधा उपलब्ध होने से कोरोना पेशेंट के इलाज में काफी सहूलियत हुई है.
रिपोर्ट को माना जाता है अथेंटिक
रैपिड एंटीजन किट से जांच रिपोर्ट में आ रही देरी की शिकायत को डॉ. राणा एनके सिंह ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि यह लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है की रिपोर्ट मिलने में देरी आ रही है. उन्होंने कहा कि एंटीजन किट से जांच में रिपोर्ट 2 मिनट में आ जाता है और इसके लिए एंटीजन कीट में दो लाइन रहता है. उन्होंने बताया कि इस किट से जांच के लिए मरीज के नाक से स्वाब लेकर एक सॉल्यूशन है उसमें मिला देते हैं और फिर उसकी तीन बूंदे एंटीजन किट पर डाल दिया जाता है और फिर 2 मिनट में रिपोर्ट आ जाता है. उन्होंने कहा कि इसलिए रिपोर्ट में देरी आने का कोई सवाल ही नहीं उठता है इसके साथ ही यह किट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर से रिकोमेंडेड है और गवर्नमेंट द्वारा किट भेजा गया है इसलिए इसके रिपोर्ट को अथेंटीक माना जाता है.
रिपोर्ट में होती थी देरी
डॉ. राणा एनके सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में देरी आने का जहां तक मामला है. वह यह है कि रिपोर्ट मरीज को तुरंत बता दिया जाता है. लेकिन रिपोर्ट देने के लिए उसका ऑथेंटिकेशन कराना पड़ता है. रिपोर्ट का रजिस्ट्रेशन होता है, नंबर चढ़ाया जाता है फिर माइक्रोबायोलॉजी के ऑथराइज्ड चिकित्सक उस पर अपना हस्ताक्षर करते हैं. उसके बाद रिपोर्ट पोर्टल पर चढ़ता है. इसलिए रिपोर्ट का हार्ड कॉपी नेक्स्ट डे दिया जाता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल की प्रसूति विभाग में एक महिला सीरियस कंडीशन में पहुंची जिसके बाद उन्होंने तुरंत एंटीजन किट से टेस्ट करने का निर्देश दिया. जिसके बाद 2 मिनट में रिपोर्ट पता चल गया और उसके बाद उसका सर्जरी कराना था और इसके लिए उसे एडमिट करा दिया गया.