पटना: प्रदेश में सोमवार से 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है. जनवरी माह के अंत तक इस एज ग्रुप के प्रदेश के सभी 83 लाख 46 हजार बच्चों को सरकार ने पहले डोज से वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन पहले ही दिन टीकाकरण अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. इस पर चिकित्सकों (DR Manoj Kumar Sinha On Covishield To Children) ने जानकारी देते हुए कहा कि, इससे बच्चों को खतरा नहीं है.
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15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सरकार का दिशा निर्देश है कि, बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन का ही वैक्सीन दिया जाना है. बच्चों के वैक्सीनेशन में कोवैक्सीन के साथ कोविशिल्ड वैक्सीन का डोज मिक्स ना हो, इस वजह से बच्चों और बड़ों का वैक्सीनेशन स्पॉट अलग-अलग बनाए जाने का सरकार का दिशा निर्देश है.
इन सारी सावधानियों के बावजूद एक बड़ी चूक सामने आई. पहले दिन ही नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई. नालंदा में दो भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका लगा दिया गया.
कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका पड़ने से बच्चों और उनके अभिभावकों के मन में डर बैठ गया कि, कहीं इसका साइड इफेक्ट ना हो शुरू हो जाए. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नालंदा में बच्चों को सिविल सर्जन कार्यालय में लगभग 2 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में भी रखा गया लेकिन, दोनों किशोर के स्वास्थ्य में कोई विशेष बदलाव नहीं आने पर दोनों को घर भेज दिया गया.
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