पटनाःडॉ. जगन्नाथ मिश्रा का दिल्ली में निधन हो गया. वो पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. 82 साल की उम्र में जगन्नाथ मिश्रा का निधन हुआ. दिल्ली के मेदांता अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा छा गया है.
पार्थिव शरीर के साथ परिजन प्रोफेसर से मुख्यमंत्री तक का सफर
डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का जन्म 1937 में सुपौल जिले के बलुआ बाजार में हुआ था. पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. वो बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने. डॉ. मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. डॉ. मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. 1975 में वो पहली बार मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.
बचपन से थी राजनीति में रूचि
उनकी रुचि राजनीति में बचपन से ही थी. क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और रेल मंत्री थे. वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे. बिहार में डॉ. मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर लिया जाता है. कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और अब जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य थे.
चारा घोटाले में भी शामिल था नाम
बता दें कि चर्चित चारा घोटाले में भी उनका नाम शामिल हुआ. चारा घोटाले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को सजा हुई थी. दोनों को ही सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी मानते हुए पांच साल की सजा दी थी. लालू यादव पिछले एक साल से रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं. वहीं, जगन्नाथ मिश्रा जमानत पर रिहा थे. 30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया था.