पटना:बिहार में जातीय गणना की तर्ज पर घर-घर शराबबंदी का सर्वे करने का नीतीश कुमार ने फैसला लिया है. इसे लेकर मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि विभाग को पहले ही निर्देश दिया जा चुका है. विभाग उस पर कार्रवाई भी कर रहा है. घर-घर सर्वे के लिए उन लोगों ने एजेंसी को सॉर्ट आउट करना शुरू किया है. तीन एजेंसी का नाम आया है और उसी में से किसी एक का चयन किया जाएगा.
10 दिनों में एजेंसी का चयन: मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि"10 दिनों के अंदर हम लोग एजेंसी का चयन कर कर लेंगे. एक-एक चीज देखी जा रही है, एजेंसी का पहले क्या काम रहा है, क्या उसका चार्ज है इन सब चीजों को देखने के बाद 10 दिनों में सर्वे का काम शुरू करवा दिया जाएगा."वहीं उन्होंने आगे कहा कि सर्वे किस प्रकार से होगा यह सब भी तय किया जा रहा है.
बिहार सरकार ने कराया सर्वे: बिहार में 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी, लगभग 8 साल शराबबंदी के होने वाले हैं. पिछले 8 सालों के दौरान दो बार बिहार सरकार की ओर से सर्वे करवाया गया है और दोनों बार सरकार के पक्ष में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बिहार सरकार ने पिछले साल जातीय गणना करवाया है और उसकी रिपोर्ट भी जारी की गई है.
जातीय गणना की तर्ज पर सर्वे: अब जातीय गणना की तर्ज पर ही शराबबंदी का घर-घर सर्वे करने का फैसला लिया गया है. ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि शराबबंदी को लेकर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. शराबबंदी समाप्त करने की मांग तक हो रही है ऐसे में नीतीश कुमार घर-घर सर्वे के माध्यम से लोकसभा चुनाव में जवाब देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
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