पटना:बिहार में लॉकडाउन (Lockdown in Bihar) का साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है. पिछले अप्रैल माह से अब तक घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के मामले तेजी से बढ़े हैं. सिर्फ राजधानी पटना की महिला हेल्पलाइन नंबर की बात करें, तो यहां पर हर दिन 7 से 8 मामले दर्ज किए जाते हैं. अब तक महिला विकास निगम में 80 से ज्यादा केस को दर्ज किए गए हैं. इसी तरह महिला विकास निगम की तरफ से पटना के 23 थानों में दिए गए काउंसलर के पास 50 केस दर्ज कराए गए हैं.
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ईटीवी भारत ने की पड़ताल
महिला उत्पीड़न मामले में हो रही वृद्धि को लेकर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल करना शुरू किया, तो सबसे पहले महिला विकास निगम के कार्यालय पहुंचे, जहां पर महिला हेल्पलाइन नंबर के सदस्य सरिता सजल बताती हैं कि जितने भी घरेलू हिंसा के मामले आ रहे हैं. उनमें सबसे बड़ी वजह आर्थिक तंगी मिली है. सबसे अधिक संख्या प्राइवेट नौकरी करने वालों की है. इनमें अधिकतर लोगों की नौकरी चली गई. तो किसी की सैलरी कट गई. तमाम खर्चों को लेकर परिवारों में खटपट शुरू हो गई.
''घरेलू हिंसा के मामलों को निपटाने के लिए हम फोन से ही काउंसलिंग करते हैं, लोगों को समझाते हैं. लॉकडाउन की वजह से जो परेशानी हो रही है, वो सबको पता है, लॉकडाउन खत्म होते ही सभी परेशानी दूर हो जाएगी. इसी तरह मामले को निपटाने में लगे हैं. साथ ही यदि लोग नहीं मानते हैं. तो उन्हें यहां तक कहा जाता है कि यदि ज्यादा परेशानी होगी तो मामले को थाने में दे दिया जाएगा.''-सरिता सजल, महिला विकास निगम पटना