पटना:कोरोना महामारी के बीच पटना एम्स और आईजीआईएमस में डॉक्टरों ने चेतावनी दी है. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल में 20 डॉक्टर के लिए बेड रिजर्व किए जाने की मांग की है. वहीं, मांगे पूरी नहीं होने पर एम्स के 300 रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. साथ ही आईजीआईएमएसमें इंटर्न डॉक्टरों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सांकेतिक हड़ताल शुरू किया है.
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इन डॉक्टरों का कहना है कि कोविडकाल में मरीजों का इलाज करते हुए अपनी मांग को जारी रखेंगे. साथ ही इंटर्न डॉक्टरों ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में दिन रात हम सभी मरीजों की इलाज कर रहे हैं. इसलिए अन्य राज्यों की तरह ही अलग से मानदेय मिलना चाहिए.
कोरोना मरीजों का इलाज नहीं होगा प्रभावित
डॉक्टर नवनीत कुमार का कहना है कि हमलोग लगातार 15 दिनों से कोविड वार्ड में काम कर रहे हैं, जब सरकार ने आईजीआईएमएस को कोविड अस्पताल बनाया है तो अन्य प्रदेशों की तरह कोरोना मरीजों की इलाज के लिए हमलोगों का भी मानदेय बढ़ना चाहिए. हम सभी डॉक्टर लगातार कोरोना मरीज का इलाज कर रहे हैं लेकिन सरकार ने किसी तरह का इंश्योरेंस भी नहीं दिया है. वहीं, डॉक्टर नीलेश का कहना है कि ये हड़ताल सांकेतिक है. इस हड़ताल में कोरोना मरीजों का इलाज हमलोग प्रभावित नहीं होने देंगे, लेकिन संस्थान का जो रवैया है, वो गलत है. संस्थान के निदेशक हमारी मांगों को नहीं सुन रहे हैं, इसीलिए आज से हमलोग मजबूर होकर सांकेतिक हड़ताल किए हैं.