बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल पटनाः बिहार के पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के गाइनेकोलॉजी विभाग के सर्जन डॉ राजेश पासवान के ऊपर हुए हमला के विरोध में प्रदेश भर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सक मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल पर बने रहे. बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने इस घटना के विरोध में 1 घंटे की हड़ताल की बात कही थी, लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार शाखा ने एक दिवसीय हड़ताल ककी बात ही. पूरे दिन डॉक्टर ओपीडी बंद कर हड़ताल पर बैठे रहे.
पटना में हड़ताल से ओपीडी सेवा ठपःराजधानी के पीएमसीएच की बात करें तो पूरे दिन ओपीडी सेवा ठप रही. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हुई. सुबह में रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला रहा, जिसके बाद कई मरीज ने अपना रजिस्ट्रेशन कर लिया, लेकिन अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने आकर सुबह 10:00 बजे रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद कर दिया. ओपीडी में डॉक्टरों ने मरीजों को नहीं देखा और इस वजह से दूर दराज क्षेत्र से आए मरीजों को काफी परेशानी हुई.
डॉक्टर पर हमला निंदनीयः पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर अभिजीत कुमार ने कहा कि पूर्णिया में डॉ. राजेश पासवान के साथ जो घटना घटी है वह निंदनीय है. पुलिस की मौजूदगी में मारपीट की गई. इससे चिकित्सक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इस प्रकार की घटना को लेकर जो कानून बनाया गया है, उसका सख्ती से पालन किया जाए. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निर्देशानुसार वह एक दिवसीय हड़ताल पर हैं.
"पूर्णिया में डॉ. राजेश पासवान पर हमला निंदनीय है. चिकित्सक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस घटना को लेकर कानून का सख्ती से पालन किया जाए. इसी की मांग को लेकर हमलोग एक दिवसीय हड़ताल पर बैठे हैं."-अभिजीत कुमार, जूनियर डॉक्टर
कड़ा कानून लागू करने की मांगःजूनियर डॉक्टर संजय वाल्मीकि ने कहा कि "डॉ राजेश अभी पटना एम्स के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट हैं, जहां इलाज चल रहा है. यह पूरा घटनाक्रम पुलिस की मौजूदगी में हुई, जो काफी निंदनीय है." उन्होंने सरकार से मांग ही है कि डॉक्टर के ऊपर इस प्रकार से कोई हमला करता है तो उसके ऊपर सख्ती से कार्रवाई की जाए. इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो इसके लिए कड़ा कानून लागू करने की मांग की है.
बिना इलाज कराए लौटे घरः पीएमसीएच में छपरा से हड्डी रोग विभाग के ओपीडी में दिखने पहुंची सरिता देवी ने बताया कि उनका रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची कट गया और डॉक्टर के पास जमा भी हो गया, लेकिन अचानक से कुछ डॉक्टर आए और सब कुछ बंद कर दिए. बोले कि आज कोई इलाज नहीं करेगा, क्योंकि हड़ताल है. किसी डॉक्टर ने उन्हें नहीं देखा. बिना इलाज कराए पीएमसीएच से लौटना पड़ रहा है.
"छपरा से आए हैं. हाथ में दर्द होने के कारण हड्डी रोग विभाग में दिखाने के लिए गए थे. पर्ची कटाने के बाद नंबर भी लगा लिए थे, लेकिन डॉक्टर आए और हड़ताल की बात कह इलाज करने से मना कर दिए."-सरिता देवी
हड़ताल के कारण नहीं सुन रहे डॉक्टरः मसौढ़ी से आई सुनीता देवी कान का इलाज कराने के लिए पहुंची थी. ईएनटी विभाग में 2 महीने पहले भी दिखाने आई थी. बताया कि वह पुर्जा भी कटा ली, लेकिन इलाज नहीं करा पायी. पटना के भोला पासवान ने बताया कि अपने बच्चों को रेबीज का टीका दिलवाने आए थे. पटना एम्स में एक इंजेक्शन देकर पीएमसीएच भेज दिया गया. सोमवार की रात में ही पीएमसीएच आ गए थे. हड़ताल है के कारण कोई नहीं सुन रहा है.
कमर दर्द से परेशान हैं गुलाम मुस्तफाःपालीगंज से आए गुलाम मुस्तफा रब्बानी को कमर दर्द की शिकायत है. बैसाखी के सहारे चल पाते हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार को इलाज के लिए बुलाया गया था. गाड़ी रिजर्व कर पीएमसीएच में डॉक्टर से दिखाने पहुंचे हैं. सुबह 8:45 में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची कट गया, लेकिन डॉक्टरों ने नहीं देखा. हड़ताल की बात कहकर इलाज से मना कर दिया गया.
'पति का पैर नहीं कर रहा काम': पटना की छज्जू बाग से मां का इलाज करने पहुंची जरीन अख्तर ने कहा कि 10:00 बजे पीएमसीएच पहुंची हैं. यहां आई तो रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद मिला. पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं. झारखंड के टाटानगर से पति को दिखाने पहुंची सुनीता काफी परेशान दिखी. बताया कि उसका पति वासुदेव सड़क दुर्घटना में जख्मी हो गया. पैर में काफी जख्म है और घाव सड़ गया है. पारामेडिकल स्टाफ ने पट्टी की है, लेकिन नहीं देख रहे हैं.
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डॉक्टर पर जानलेवा हमले का विरोध, हड़ताल पर पूर्णिया मेडिकल कॉलेज और निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक, मरीज परेशान