पटना: 28 फरवरी को राज्य सरकार बिहार का बजट 2022 पेश करने जा रही है. ऐसे में इस बार के बजट से प्रदेश के चिकित्सकों को काफी उम्मीदें (Bihar budget on medical sector) हैं. कोरोना महामारी से उत्पन्न हालातों के बाद स्वास्थ्य सेवा की अहमियत सभी को समझ में आई है. प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां भी महामारी के दौरान खूब उजागर हुई. ऐसे में कोई भी महामारी के समय इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न ना हो इसको लेकर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने की बात प्रदेश के वरिष्ठ चिकित्सक कह रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार अपने बजट का 6 से 9 फ़ीसदी हेल्थ सेक्टर को मुहैया कराए और प्रदेश के सभी लोगों को स्वास्थ्य बीमा से जोड़ने की दिशा में काम करे.
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'इस बार बजट में हेल्थ पर प्राथमिकता देनी होगी और हेल्थ सेक्टर का बजट बढ़ाने की काफी आवश्यकता है. डिस्ट्रिक्ट और ब्लॉक लेवल पर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही डॉक्टरों की ट्रेनिंग का प्रोग्राम डिस्ट्रिक्ट लेवल में भी होना चाहिए. जो मेडिकल कॉलेज से छात्र एमबीबीएस पास आउट करते हैं और पीजी के तैयारी करते हैं उन्हें 3 से 4 साल ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी देने की आवश्यकता है ताकि वह इंडिपेंडेंट लेवल पर प्रैक्टिस करने के लिए तैयार हो सकें.'- डॉ सत्यजीत सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक एवं संचालक, रूबन हॉस्पिटल
प्रदेश के वरिष्ठ चिकित्सक और रूबन हॉस्पिटल के संचालक डॉ सत्यजीत सिंह ने कहा कि बजट में हेल्थ पर पब्लिक स्पेंडिंग बजट का 6-9% होना चाहिए. पब्लिक और प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर जितने भी हैं उसे और अधिक इक्विपमेंट से लैस करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही पॉपुलेशन के देशों में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की संख्या भी प्रदेश में बढ़ाने की काफी आवश्यकता है. ताकि हर व्यक्ति केयर्ड हो और उसे पता हो कि उसे किस डॉक्टर और किस नर्सिंग स्टाफ के कॉन्टेक्ट में रहना है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हेल्थ सेक्टर में प्रदेश में काफी डेवलपमेंट हुआ है. लेकिन अभी भी देश के केरल तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की तुलना में बिहार में हेल्थ केयर वर्कर्स का रेशियो पॉपुलेशन की तुलना में काफी कम है.
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'जिस प्रकार से गाड़ियों के लिए नियम है कि इंश्योरेंस होगा तभी वह रोड पर चलेगा उसी प्रकार देश के सभी लोगों का हेल्थ बीमा होना जरूरी है. प्रदेश सरकार भी अपने प्रदेश के सभी लोगों को हेल्थ बीमा से जोड़ने का काम करें. जो सक्षम है उन्हें प्राइवेट लेबल पर और कमजोर लोगों के लिए सरकार अपने स्तर से बीमा के दायरे में लाने का प्रयास करें. आयुष्मान योजना सरकार का बहुत अच्छा और दुनिया की बहुत बड़ी स्कीम है. लेकिन इसके फंडिंग को और बढ़ाने की आवश्यकता है.'- डॉ सत्यजीत सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक एवं संचालक, रूबन हॉस्पिटल