पटना: कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस का मामला गहराता जा रहा है. सोमवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले सामने आए. जिसके बाद प्रदेश में ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है. इन 11 मरीजों में पटना एम्स में पांच और आईजीआईएमएस में 6 मरीज एडमिट हुए हैं. इससे एक डॉक्टर की भी मौत हो गई.
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रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में हुई मौत
सोमवार को ब्लैक फंगस से एक डॉक्टर की इलाज के दौरान रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में मौत हो गई. यह प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस से संक्रमित किसी चिकित्सक की पहली मौत है. इसके पहले भी ब्लैक फंगस से प्रदेश में 2 लोगों की मौत हो चुकी है. रूबन हॉस्पिटल के अनुसार बेतिया राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पैथोलॉजी व माइक्रो लॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उदय शंकर पांडे की इलाज के दौरान मौत हो गई.
कोरोना से ठीक होने के बाद हुआ था ब्लैक फंगस
कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें ब्लैक फंगस हो गया था. 5 दिन पहले वे अस्पताल में एडमिट हुए थे. संक्रमण काफी ज्यादा फैल गया था. जिस वजह से सर्जरी कर दाहिनी आंख निकाल दी गयी थी. बाद में शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और सोमवार देर रात उनकी मौत हो गई.
50 बेड की हो रही है व्यवस्था
बताते चलें कि ब्लैक फंगस की चपेट में वे मरीज आ रहे हैं, जो कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हुए हैं. और जिनकी इम्यूनिटी काफी कम है. इसके साथ ही वे अगर शुगर से पीड़ित हैं और स्ट्राइड का प्रयोग भी इलाज के दौरान हुआ है. स्ट्राइड के प्रयोग से मरीज का शुगर लेवल बढ़ जाता है और इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. ऐसे में इन मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा काफी बढ़ जाता है. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले को देखते हुए पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में इसके मरीजों के लिए अलग से 50 बेड की व्यवस्था की जा रही है.