पटना: राजधानी पटना की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, जिसे लेकर लगातार जिला प्रशासन के द्वारा समीक्षा की जा रही है. इसी कड़ी में जिलाधिकारी पटना ने परिवहन, यातायात, नगर निकायों, पथ निर्माण, खनन, कृषि, प्रदूषण नियंत्रण आदि विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की. डीएम ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी भागीदारों को सजग, तत्पर और प्रतिबद्ध रहना होगा.
"सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सबको सक्रिय रहना होगा. कार्य योजना के अनुसार वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि वायु की गुणवता में निरंतर सुधार हो."-डॉ चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
गांव में जागरूकता कार्यशाला: बता दें कि राजधानी पटना की हवा काफी जहरीली हो गई है. इसी को देखते हुए पटना डीएम ने सभी पदाधिकारियों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक तरीके से मिशन मोड में काम करने का निर्देश दिया. सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी शैक्षणिक संस्थानों सहित गांव में जाकर लोगों के लिए जागरूकता कार्यशाला आयोजित करें. वहीं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारी द्वारा बताया गया कि पिछले एक सप्ताह में पटना में वायु गुणवत्ता में सुधार आया है.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कई कदम: पटना नगर निगम, परिवहन, वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों द्वारा इस दिशा में नियमित अभियान चलाया जा रहा है. मिस्ट कैनन मशीन, पानी के छिड़काव, मिस्ट गन की माध्यमों से प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्रवाई भी की जा रही है. डीएम द्वारा सभी विभागों एवं एजेंसियों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कार्य योजना के अनुसार नियमित तौर पर कार्रवाई की जाए. वही इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत लगभग 5,45,000 पौधा लगाया गया है.