पटना: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर चुनाव होना है. इसको लेकर नामांकन भी शुरू हो चुका है. उम्मीदवारों के चयन पर कई तरह के कयास लग रहे हैं. विधानसभा चुनाव में पार्टियों की ओर से लाभ लेने की कोशिश भी हो रही है. उम्मीदवारों के चयन में सभी दलों में नाराजगी है. आरजेडी ने कांग्रेस की मांग की पूरी नहीं की है. इसको लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने विश्लेषक से खास बातचीत की.
राजनीति में सोशल इंजीनियरिंग का रोल अहम
विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि आज की राजनीति में सोशल इंजीनियरिंग का रोल बड़ा है. जेडीयू-बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से बिहार में अपनी पकड़ मजबूत की है. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से पार्टी का विस्तार भी कर रहे हैं. साथ ही सामाजिक पहचान अधिक बेहतर हो इसका भी प्रयास कर रहे हैं. डीएम दिवाकर का ये भी कहना है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी का चेहरा बदलने की कोशिश भी हो रही है. नए उम्मीदवार एडी सिंह का चयन उसी दिशा में संकेत हैं. इससे पहले भी मनोज झा जैसे अपर कास्ट के लोगों को पार्टी ने जगह दिया था.