पटना: राजधानी के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 में दिव्यांग खिलाड़ियों ने पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया. इस इनकार से मंच पर मौजूद मंत्रियों के बीच हड़कंप मच गया. मंत्री श्रवण कुमार, प्रमोद कुमार और कृष्ण कुमार तीनों एक-दूसरे का चेहरा देखते रह गए.
दरअसल, दिव्यांग खिलाड़ियों ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सामान्य खिलाड़ियों की तुलना में दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकार काफी उपेक्षित कर रही है. तैराकी में एशियाड इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड जीत चुके शम्स अहमद ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है.
राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट का उल्लंघन
शम्स ने कहा कि जहां एक ओर राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले सामान्य खिलाड़ी को 1 से 2 लाख तक की सम्मान राशि दी जाती है. वहीं, दिव्यांग खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने के बावजूद 50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जो कि अन्याय है. 2016 में राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट का केंद्रीय कानून आया था, जिसके अनुसार सरकार का यह रवैया एक्ट के सेगमेंट 3 का वायलेशन है.
दिव्यांगों का खेल विभाग के कैलेंडर से नदारद
गुस्साए खिलाड़ियों ने कहा कि यह स्वाभिमान की लड़ाई है और वह बराबरी के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का जो कैलेंडर जो जारी हुआ है, उसमें दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए मात्र एक ही खेल एथलेटिक्स शामिल है. वहीं, सामान्य खिलाड़ियों के लिए 56 खेल है. ऐसे में साफ है कि विभाग ने भेदभाव किया है.
खिलाड़ियों ने जताई नाराजगी 343 खिलाड़ी हुए सम्मानित
बता दें कि गुरुवार को पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 का आयोजन किया गया. जिसमें 343 खिलाड़ियों और दो कोच को सम्मानित किया गया. नौ खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया जिनमें 7 सामान्य श्रेणी के खिलाड़ी तो दो दिव्यांग श्रेणी के खिलाड़ी थे.