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पटना: नगर निगम की कार्रवाई, आवासीय कॉलोनी में कॉमर्शियल गतिविधि चलाने पर थमाया नोटिस - कोचिंग संस्थान

अबतक 5 लोगों का आवंटन रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा निगम ने 100 से अधिक भूखंडों को चिन्हित किया है. साथ हीं नोटिस भेजे गए लोगों को 7 दिन का समय दिया गया है. इन 7 दिनों के अंदर जवाब नहीं देने पर, निगम उन पर कार्रवाई करते हुए आवंटन रद्द कर देगी.

नगर निगम ने पांच लोगों का आवंटन किया रद्द

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Published : Jul 26, 2019, 9:45 PM IST

पटना: जिले के एसके पुरी इलाके में नगर निगम ने भूखंड आवंटन मामले में बड़ी कार्रवाई की है. आवासीय कॉलोनी बसाने के लिए आवंटित किए गए भूखंड पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होने के कारण 32 लोगों को नोटिस भेजा गया है. इसके अलावे निजी आवास के मालिकों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है.

गौरतलब है कि पटना के क्षेत्रीय विकास प्राधिकार ने राजधानी के एसके पुरी में आवासीय कॉलोनी बसाने के लिए भूखंड का आवंटन किया था. लेकिन नियम के शर्तों का उल्लंघन करते हुए इस भूखंड पर, व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर कमाई का जरिया बना लिया गया है. जैसे ही यह मामला नगर निगम के प्रकाश में आया तो, कार्रवाई करते हुए एसके पुरी इलाके के 32 लोगों के भूखंड पर नोटिस भेजा.

मामले की जानकारी देते निगम अधिकारी

5 लोगों का आवंटन हुआ रद्द
अब तक बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने 5 लोगों का आवंटन रद्द कर दिया है. जिसमें इंदिरा झा आजाद के नाम से आवंटित भूखंड प्रमुख है. इसके अलावा निगम ने 100 से अधिक भूखंडों को चिन्हित किया है. साथ हीं नोटिस भेजे गए लोगों को 7 दिन का समय दिया गया है. इन 7 दिनों के अंदर जवाब नहीं देने पर, निगम उस पर कार्रवाई करते हुए आवंटन रद्द कर देगी.

ये भी हैं निशाने पर
शर्तों के उल्लंघन को लेकर नगर आयुक्त के निर्देश पर भू -संपदा शाखा के कर्मी हर दिन अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. आवंटित भूखंड पर रेंस्टोरेंट, हॉस्टल, कोचिंग संस्थान, मेडिकल दुकान के अलावा अन्य व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं. सर्वे के दौरान नगर निगम इस भूखंड का फोटोग्राफी भी करा रहा है ताकि भूखंड पर चल रहे व्यावसायिक कार्यों को सिद्ध किया जा सके.

निजी आवास के मालिकों पर कसेगा शिकंजा
निगम के निशाने पर निजी आवास के मालिक भी हैं. जो कि आवास के लिए आवंटित जमीन पर व्यावसायिक भवन बनाकर निगम को करोड़ों का चुना लगा रहे हैं.अभी तक निगम ने प्राइवेट निजी आवास के मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. अभी सिर्फ पटना के हर क्षेत्र में सर्वे करा रही है, जिससे कि आवासों की संख्या का पता चल सके.

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