दरभंगा एम्स की जमीन पर छिड़ी जंग पटना: बिहार में केंद्र सरकार के कई बड़े प्रोजेक्ट जमीन के कारण लटके हुए हैं. इन दिनों दरभंगा एम्सपर खूब सियासत हो रही है. 2015 बजट भाषण में ही तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दरभंगा एम्स के निर्माण की घोषणा की थी. यही हाल बिहटा एयरपोर्ट का है. पूर्णिया हवाई अड्डा बनने की घोषणा खुद नरेंद्र मोदी ने की थी. लेकिन जमीन न मिलने के कारण सभी योजनाएं लटकी हुई हैं. इसका असर 2024 के लोकसभा चुनावों में भी देखने को पड़ सकता है.
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दरभंगा एम्स की जमीन पर छिड़ी जंग: 2020 में केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति भी दे दी लेकिन जमीन के कारण अभी तक यह अटका हुआ है. बिहार सरकार ने जो जमीन दी है, उसे केंद्र सरकार का स्वास्थ्य विभाग स्वीकार नहीं कर रहा है. दरभंगा एम्स को 2024 में एक बड़ा मुद्दा बनाया जा सकता है.
अधर में कई बड़े प्रोजेक्ट:इसके अलावा भी कई बड़े प्रोजेक्ट हैं जो जमीन के कारण लटके हुए हैं. उसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बिहटा में बनने वाला एयरपोर्ट है जो पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में बनाए जाने की बात 2016 में ही की गई थी. पूर्णिया एयरपोर्ट भी 2015 में प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी, लेकिन जमीन के कारण लंबे समय से लटक रहा है.
कौन सी योजनाएं अधर में लटकी. 'केंद्र सरकार की नियत पर शक'-JDU: ऐसे बिहार सरकार दरभंगा एम्स को लेकर फिर से प्रस्ताव भेजने वाली है लेकिन जदयू के मंत्री बीजेपी की केंद्रीय सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सह जदयू नेता अली अशरफ फातमी ने कहा है कि भारत सरकार बिहार को एम्स देना ही नहीं चाहती है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की नियत पर भी शक जाहिर किया था.
'नीतीश नहीं चाहती पीएम मोदी को मिले क्रेडिट':-BJP वहीं बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी को क्रेडिट मिले इसलिए बिहार का नुकसान हो रहा है. बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता से दुश्मनी हो गई है. दरभंगा में एम्स बनेगा तो लोग पीएम को दुआ देंगे, यही नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं.
पूर्णिया एयरपोर्ट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया एयरपोर्ट 2015 में शुरू करने की घोषणा की थी. हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई सफर कराने की बात यहीं से पीएम ने कही थी, लेकिन केवल 15 एकड़ जमीन को लेकर पिछले कई साल से पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण लटका रहा है. अब जाकर बिहार सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ एमओयू किया है, जिससे इसके निर्माण का रास्ता साफ होने की उम्मीद जगी है.
बिहटा में एयरपोर्ट: पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में बिहटा में एयरपोर्ट निर्माण की घोषणा 2016 में ही केंद्र सरकार ने की थी, लेकिन जमीन के कारण इसका निर्माण आज तक शुरू नहीं हो सका. पहले बिहार सरकार ने 108 एकड़ जमीन अधिकृत करके दे दी. केंद्र से 8 एकड़ जमीन की और मांग हो रही है और उसके कारण लगभग 1000 करोड़ का प्रोजेक्ट कई सालों से लटका हुआ है.
दरभंगा एम्स: पहले तो एम्स दरभंगा में बने या भागलपुर में या अन्य स्थान पर इसको लेकर विवाद रहा. आखिरकार बिहार सरकार ने दरभंगा में एम्स बनाने का निर्णय लिया. 2020 में केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति भी दे दी. जमीन को लेकर पिछले 3 साल से विवाद में है.
लो लैंड को लेकर विवाद:पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज की जमीन पर बनाने की चर्चा होने लगी. फिर अशोक पेपर मिल की जमीन के लेने की बात कही जा रही थी. लेकिन बिहार सरकार ने दरभंगा के बाई पास स्थित 189 एकड़ जमीन एम्स निर्माण के लिए देने का फैसला किया.
मिट्टी भराई का लिया गया था फैसला:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा के दौरान जमीन का मुआयना भी किया था. बिहार विधान परिषद में कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने लो लैंड होने का मामला उठाया था. उसके बाद बिहार सरकार ने 3 अरब से अधिक की राशि जमीन की मिट्टी भराई के लिए देने का फैसला लिया.
केंद्र ने भी उठाए थे सवाल: जब केंद्रीय टीम 27 अप्रैल को इसी साल एन के ओझा के नेतृत्व में चिह्नित जमीन का निरीक्षण करने पहुंची तो उसने भी लो लैंड पर सवाल खड़ा किया था, लेकिन शहर से बाहर होने के कारण उपयुक्त भी बताया था. वहीं इसे बीजेपी और जेडीयू चुनावी मुद्दा बनाती दिख रही है.
दरभंगा एम्स पर राजनीति शुरू: बिहार सरकार के मंत्री संजय झा के दरभंगा से लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा हो रही है, जबकि वर्तमान में बीजेपी के सांसद गोपाल ठाकुर हैं. यहां से जब दोनों गठबंधन में थे तो इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा था लेकिन अब केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस जमीन पर एम्स बनाने से इनकार करने के बाद इस पर ग्रहण लग गया है. ऐसे सरकार की ओर से एक बार फिर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी हो रही है.
"कई उदाहरण हैं, केंद्र सरकार जदयू के साथ भेदभाव कर रही है. बीजेपी की सरकार किसी भी तरह से बिहार का विकास बाधित करना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता देख रही है और आने वाले समय में उसका जवाब देगी."- लेसी सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री, बिहार
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं. नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि केंद्र की कोई भी योजना बिहार में चले जिसमें प्रधानमंत्री का नाम हो. जानबूझकर नीतीश कुमार ऐसा काम करते हैं कि योजना लटक जाए, उनकी नियत में खोट है. दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने जो जमीन दी है वह लो लैंड की जमीन है और दरभंगा बाढ़ ग्रस्त इलाका है, इस जमीन पर एम्स बना तो बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ेगा."- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता