पटना:राजधानी के एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट में महिला जागरण केंद्र और एक्शन ऐड की ओर से राज्य में असंगठित क्षेत्र के महिला कामगार के हालात पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के कई स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग की सदस्य भी मौजूद रहीं.
पटना: AN सिंहा इंस्टिट्यूट में असंगठित क्षेत्र के महिला कामगार के हालात पर चर्चा - Discussion organized for women workers in unorganized sector
डॉ. शरद कुमारी ने कहा कि प्रदेश में अभी भी श्रमिक के रूप में महिला मंजूर नहीं है. इसी कारण से उनके लिए जो मुलभूत सुविधाएं होनी चाहिए वो नहीं होती है. इससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस परिचर्चा में मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिला को उनके कार्यस्थल पर होने वाले परेशानियों के बारे में बात की गई. कार्यक्रम में परिचर्चा के दौरान मौजूद डॉ. शरद कुमारी ने कहा कि प्रदेश में अभी भी श्रमिक के रूप में महिला मंजूर नहीं है. इसी कारण से उनके लिए जो मुलभूत सुविधाएं होनी चाहिए वो नहीं होती हैं. इससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार ने उनके सुविधा के लिए कुछ पहल जरूर किए हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में महिला कामगारों को सुविधा नहीं मिल पाती है. इसलिए जरूरी था कि बिहार के संदर्भ में हम इन मुद्दों पर बातचीत करें. ताकि महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर मिलने वाली मुलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा सके.
सरकार को करवाया जाएगा समस्या से अवगत
बता दें कि इस परिचर्चा में असंगठित क्षेत्र की कई महिला मजदूरों ने हिस्सा लिया. उन्होंने अपनी अपनी समस्या बताई. जिसके बारे में वहां मौजूद महिला संगठन, महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग को अवगत करवाया गया. इस पर महिला संगठन की कार्यकर्ताओं ने बताया कि वो सरकार के सामने महिला मजदूरों की समस्या को रखेंगी. ताकि सरकार महिला मजदूरों के लिए जो कानून बने हैं उसे पालन करवाए.