पटना:राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की आधारभूत संरचना के विकास के लिए बारहमासी (पक्की) सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा अब तक तकरीबन 1 लाख 19 हजार ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है.
बजट सत्र में ग्रामीण सड़कों के निर्माण, रखरखाव और मरम्मत को लेकर विभागीय बजट पर चर्चा हुई. जिसमें विभाग के मंत्री जयंत राज के मुताबिक सर्वसम्मति से पास इस बजट में कई महत्वपूर्ण विषयों पर ज्यादा फोकस किया गया है. खासतौर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय पार्ट - 2 के तहत ग्रामीण टोला संपर्क योजना और सुलभ संपर्क पथ पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है.
9424 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य
आगामी वित्तीय वर्ष में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 9424 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. विभाग के सचिव पंकज पाल ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में वैसे ग्रामीण इलाके जो एनएच, एसएच, बैंक, आईटीआई, मेडिकल संस्थान, पेट्रोल पंप और बाजार हॉट जैसे अति जरूरी स्थानों से संपर्क में नहीं हैं. उन इलाकों में जल से जल्द सड़क निर्माण करना पहली प्राथमिकता होगी.
3000 से ज्यादा सड़कें चिह्नित
सचिव के मुताबिक प्रथम सर्वे में तकरीबन 3000 से भी अधिक सड़कों को चिह्नित किया गया है, जो बड़े ग्रामीण इलाकों को इन स्थानों या मुख्य सड़कों से जोड़ेंगे. इन सड़कों की लंबाई तकरीबन 20 से 22 हजार किलोमीटर अनुमानित है. साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग ग्रामीण सड़कों के निर्माण, रख -रखाव और मेन्टेन्स कार्य के लिए नई तकनीक का इस्तमाल करते हुए अब मोबाइल ऐप के जरिए इसकी जानकारी भी एकत्रित भी करेगा.
100 लोगों की आबादी पर भी सड़क
इस बार के बजट में तकनीकी के क्षेत्र में भी खर्च करने का प्रावधान किया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के समय सड़क निर्माण कार्य लंबी अवधि तक बाधित रहा. ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज पाल ने बताया राज्य में जो भी बसावट और टोले संपर्क पथ से नहीं जुड़ सके हैं उन्हें जल्द से जल्द जोड़ा जाएगा. नीतीश सरकार ने तय किया है 100 आबादी वाले बसावट और टोलों को भी संपर्क पथ से जोड़ा जाएगा.
पंकज पाल ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए समय-समय पर नेशनल क्वालिटी मॉनिटर और स्टेट क्वालिटी मॉनिटर के साथ स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा भी कराई जाएगी. इसके अलावा शिकायतें मिलने पर निगरानी विभाग के धावा दल के द्वारा भी सड़कों की औचक निरीक्षण किया जाता है.
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं के तहत सड़कों के निर्माण और मरम्मत में खर्च किए जाने वाली राशि.
खर्च होने वाली राशि का विवरण (रुपए में)
- मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना - 6679 लाख
- ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना - 5000 लाख
- अतिरिक्त संपर्कता 7 निश्चय पार्ट -2 - 20000 लाख
- मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (विश्व बैंक) - 55300 लाख
- मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (NDB / BRICS) - 74200 लाख
- जनजाति क्षेत्र उप योजना (मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना) - 7313 लाख
- अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना (मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना) - 117008 लाख
- ग्राम विकास की परियोजनाएं (नवार्ड संपोषित) - 30,000 लाख